भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इस कार्यक्रम में ऋषि सुनक ने कहा, मैं आज यहां एक प्रधानमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि एक हिंदू के रूप में आया हूं। मेरे लिए धर्म बहुत व्यक्तिगत मामला है। यह मेरे जीवन के हर पहलू में मेरा मार्गदर्शन करता है। प्रधानमंत्री बनना एक बहुत बड़ा सम्मान है, लेकिन यह आसान काम नहीं है।
बताते चलें कि यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने मंगलवार को कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में आध्यात्मिक नेता मोरारी बापू द्वारा रामायण पाठ में भाग लिया और कहा वह वहां एक हिंदू के रूप में उपस्थित थे न कि एक प्रधानमंत्री के रूप में। सुनक ने कहा मेरे लिए आस्था बहुत व्यक्तिगत है।
उन्होंने कहा कि कठिन फैसले लेने होते हैं, कठिन विकल्प होते हैं और मेरा धर्म मुझे अपने देश के लिए सर्वश्रेष्ठ करने के लिए साहस और शक्ति देता है।
उन्होंने उस विशेष क्षण को भी साझा किया जब उन्होंने पहले 2020 में पहले भारतीय ब्रिटिश चांसलर के रूप में 11 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर पहली बार दिवाली के दीए जलाए थे। मोरारी बापू की राम कथा की पृष्ठभूमि में भगवान हनुमान की एक बड़ी सुनहरी छवि की ओर इशारा करते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उन्हें याद दिलाता है कि कैसे 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर उनकी मेज पर सोने के गणेश खुशी से बैठते हैं।
उन्होंने कहा यह मुझे कुछ भी करने से पहले मुद्दों को सुनने और उन पर फोकस करने के बारे में लगातार याद दिलाता है। अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति और बच्चों कृष्णा और अनुष्का के साथ अमेरिका में छुट्टियां मनाकर लौटे सुनक ने कहा कि उन्हें ब्रिटिश और हिंदू होने पर गर्व है। उन्होंने साउथेम्प्टन में अपने बचपन के दिनों को याद किया जहां वह अक्सर परिवार के साथ अपने पड़ोस के मंदिर जाते थे।