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Unacademy को लेकर मचा सियासी बवाल, जानिए संस्था ने क्यों बर्खास्त किया टीचर को, क्या है पूरा विवाद

ए़डटेक फर्म अनएकेडमी (Unacademy) ने एक टीचर को बर्खास्त कर दिया है। वजह बताई जा रही है की करण सांगवान नाम के इस टीचर ने एक क्लास के दौरान छात्रों से अपील की थी कि वे शिक्षित उम्मीदवारों को ही वोट दें। अब इस मामले पर सियासी विवाद खड़ा हो गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है, जिसके बाद अब अनएकेडमी को सफाई देनी पड़ी है।

करण सांगवान नाम के टीचर ने बर्खास्तगी के बाद अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया है। उन्होंने ऐलान किया है कि वे 19 अगस्त को इस विवाद का पूरा ब्योरा देंगे। सांगवान ने कहा कि बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसकी वजह से मैं विवाद में हूं। इस विवाद की वजह से ज्यूडीशियल सर्विसेज एग्जाम की तैयारी करने वाले मेरे कई छात्रों को दिक्कतें आ रही हैं। उनके साथ मुझे भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

टीचर को हटाने के फैसले पर भड़के केजरीवाल

इस मामले पर हैरानी जताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि क्या पढ़े-लिखे लोगों को वोट देने की अपील करना अपराध है? यदि कोई अनपढ़ है, व्यक्तिगत तौर पर मैं उसका सम्मान करता हूं। लेकिन जनप्रतिनिधि अनपढ़ नहीं हो सकते। ये साइंस और टेक्नोलॉजी का जमाना है। 21वीं सदी के आधुनिक भारत का निर्माण अनपढ़ जनप्रतिनिधि कभी नहीं कर सकते।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने अनएकेडमी पर निशाना साधा और रोमन सैनी के पुराने ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट पोस्ट किए, जिसमें नोटबंदी को भ्रष्ट लोगों पर सर्जिकल स्ट्राइक बताया गया था। उन्होंने इस ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनएकेडमी के संस्थापक गौरव मुंजाल की एक सेल्फी भी पोस्ट की थी।

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘जो लोग दबाव में झुक जाते हैं और धमकाया जाता है, वे कभी भी उन नागरिकों का पोषण करने में मदद नहीं कर सकते हैं जो इस दुनिया में सभी बाधाओं के खिलाफ खड़े होते हैं। ऐसे रीढ़हीन और कमजोर लोगों को एक शिक्षा मंच चलाते हुए देखकर दुख होता है।’

अनएकेडमी ने दी सफाई

विवाद में केजरीवाल के बयान के बाद बाद अनएकेडमी के को-फाउंडर रोमन सैनी ने कहा कि करण सांगवान ने कॉन्ट्रैक्ट का उल्लंघन किया था। इसलिए कंपनी को यह कदम उठाना पड़ा। हम एक एजुकेशन प्लेटफॉर्म है, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसे लेकर हमने हमारे शिक्षकों के लिए एक सख्त आचार संहिता लागू की है।

उन्होंने कहा कि हम जो कुछ भी करते हैं, उसके केंद्र में हमारे शिक्षार्थी हैं। कक्षा व्यक्तिगत राय और विचार साझा करने की जगह नहीं है।

करण सांगवान ने क्लास में क्या कहा था?

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें करण सांगवान छात्रों से अपील कर रहे हैं कि पढ़े लिखे नेताओं को वोट करें। वह ब्रिटिश कालीन आईपीसी, CrPC और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए हालिया बिल पर चर्चा कर रहे थे।

उन्होंने केंद्र की ओर से लाए गए बदलावों पर अफसोस जताते हुए कहा था, ‘मुझे नहीं पता कि मैं हंसू या रोऊं, मेरे पास भी बहुत से बेयर एक्ट, केस लोड्स और नोट्स हैं जो मैंने तैयार किए थे। यह हर किसी के लिए कठिन काम है। आपका भी काम बढ़ गया है। लेकिन एक बात का ध्यान रखें, अगली बार किसी ऐसे व्यक्ति को वोट दें जो पढ़ा-लिखा हो ताकि आपको दोबारा इससे न गुजरना पड़े। ठीक है? किसी ऐसे व्यक्ति को चुनें जो शिक्षित हो, जो चीजों को समझता हो। किसी ऐसे व्यक्ति को न चुनें जो केवल नाम बदलना जानता हो। अपना निर्णय ठीक से लें।’

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Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

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