पाकिस्तान के फैसलाबाद के बाहरी इलाके में कुरान के अपमान करने की बात फैल गई, जिसके बाद सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम लोगों ने ईसाई बहुल क्षेत्र पर हिंसक हमला किया। पाकिस्तान के जरदानवाला में 21 चर्च 378 घरों को आग लगा दी गई, जिससे सभी पूरी तरह से जल गए और पूरी तरह से बर्बाद हो गए।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने मीडिया से कहा कि हम इस बात से बेहद चिंतित हैं कि पाकिस्तान में कुरान के अपमान की रिपोर्ट के जवाब में चर्चों और घरों को निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि अमेरिका स्वतंत्र अभिव्यक्ति का समर्थन करता है। हमें किसी भी किसी तरह के हिंसा या हिंसा की धमकी को अभिव्यक्ति के तौर पर नहीं मानते हैं।
पाकिस्तान अधिकृत पंजाब प्रांतीय सरकार के एक प्रवक्ता ने बीते बुधवार देर रात कहा कि 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है, साथ ही पुलिस मुस्लिम पवित्र पुस्तक को अपवित्र करने के आरोपी लोगों को भी गिरफ्तार करना चाहती है।
उन्होंने कहा की पवित्र कुरान का अपमान किया गया है और मुसलमानों की भावनाओं को घायल किया गया है। एक बयान में कहा गया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए आदेश जारी कर दिया गया है और कानून अपना काम कर रही है।
चर्च ऑफ पाकिस्तान के प्रेसीडेंट बिशप आजाद मार्शल ने ट्विटर पर लिखा है कि मेरे पास अपना दु:ख ज़ाहिर करने के लिए शब्द नहीं हैं। हम बिशप, पादरी और आम लोग पाकिस्तान के फैसलाबाद जिले की जरानवाला तहसील में हुई घटना के बारे में सुनकर बेहद आहत हैं। मैं जब ये ट्वीट लिख रहा हूं तो मेरे सामने एक चर्च की इमारत जल रही है। बाइबल का अपमान किया गया है। ईसाई लोगों को यातनाएं दी जा रही हैं। उन पर पवित्र क़ुरान जलाए जाने का झूठा आरोप लगाकर प्रताड़ित किया जा रहा है।