कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव सांप्रदायिक थे। इतना ही नहीं अय्यर ने उन्हें देश का बीजेपी का पहला प्रधानमंत्री भी बताया। उन्होंने राजीव गांधी की मृत्यु के बाद राजनीति में कदम रखने के लिए सोनिया गांधी की भी सराहना की।
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी के जाने के बाद कई लोगों ने सोचा कि चलो अब इस मणिशंकर अय्यर को खत्म कर दें, लेकिन मैं केवल सोनिया गांधी जी की वजह से पार्टी में बचा रहा।
बताते चलें कि अय्यर अपनी पुस्तक के औपचारिक विमोचन पर कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ अपने संबंधों से लेकर दिसंबर 1978 से जनवरी 1982 में कराची में महावाणिज्य दूत के रूप में उनके कार्यकाल तक का जिक्र किया। इस दौरान कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख और राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी भी मौजूद थी।
अय्यर ने कहा कि राव ने कांग्रेस के सिद्धांतों पर बाबरी मस्जिद के सवाल का सामना नहीं किया था। वह बस आडवाणी जी का कहना सुनते रहे। सैकड़ों साधु-संतों को बुलाकर राय-मशविरा करते रहे। जब सब कुछ हो चुका था तब कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में कहा कि पुराने जमाने में जब महाराजा को कुछ फैसला करना होता, तो वे हिंदू संतों से पूछते थे। मैंने भी वही किया। लेकिन उस जमाने के संत महाराजा का कहना मानते थे लेकिन इस जमाने के संत हमारी बात नहीं सुनते थे। अय्यर ने कहा कि उन्हीं के नेतृत्व में बाबरी मस्जिद को बर्बाद किया गया, सेक्युलरिज्म को बर्बाद किया गया और दरवाजा खोला गया कि ये मौजूदा सरकार देश पर राज करे।
वहीं अय्यर के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने जोरदार तरीके से हमला किया है, उन्होंने कहा मैं अय्यर जी की मानिस्थिति समझ सकता हुं, भारत के चंद्रयान 3 के सफल लैंडिंग से पकिस्तान का दर्द उन्हें भी महसूस हो रहा है।