Voice Of The People

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को कोर्ट से मिली राहत रद्द, अभी भी जेल में रहना होगा

पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान तोशाखाना मामले में इस्‍लामाबाद हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद भी अभी अटक जेल में ही बंद रहेंगे। पाकिस्‍तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ऑफिशियल सीक्रेट ऐक्‍ट के तहत हाल ही में बनी एक विशेष अदालत ने अटक जेल के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इमरान खान को रिहा करने की बजाय अभी ‘न्‍यायायिक हिरासत’ में रखें। यही नहीं विशेष अदालत ने साइफर मामले में इमरान खान को बुधवार को पेश करने का आदेश दिया है। दरअसल, ऑफिशियल सीक्रेट ऐक्‍ट को पाकिस्‍तानी सेना के इशारे पर बनाया गया है जिसमें बहुत ही सख्‍त प्रावधान किए गए हैं।

साइफर एक गोपनीय राजनयिक दस्‍तावेज है और इमरान खान का दावा है कि यह गुम हो गया है। इमरान खान की पार्टी का दावा है कि इस दस्‍तावेज में इमरान खान को सत्‍ता से हटाने के लिए अमेरिका की ओर से दी गई कथित धमकी का डिटेल है। विशेष अदालत के इस फैसले के बाद इमरान खान अभी अटक जेल में ही बंद रहेंगे। इससे पहले इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को आम चुनाव से पहले बड़ी राहत देते हुए तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में उनकी दोषसिद्धि और तीन साल की जेल की सजा पर मंगलवार को रोक लगा दी। अदालत ने इमरान को जेल से रिहा करने का आदेश भी दिया था।

मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी की खंड पीठ ने यह बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाया। खंड पीठ ने मामले में निचली अदालत के निर्णय को चुनौती देने वाली इमरान की याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इमरान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) ने एक संक्षिप्त व्हॉट्सएप संदेश में बताया, ‘इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने जिला अदालत के फैसले पर रोक लगा दी है।’ उच्च न्यायालय ने कहा कि फैसले की प्रति जल्द उपलब्ध कराई जाएगी। न्यायमूर्ति फारूक ने कहा, ‘फैसले की प्रति जल्द उपलब्ध कराई जाएगी। अभी हम सिर्फ यही कह रहे हैं कि (इमरान की) अर्जी मंजूर कर ली गई है।’

कानूनी मामलों में इमरान के सहयोगी नईम हैदर पंजोथा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “मुख्य न्यायाधीश ने हमारी अर्जी मंजूर कर ली है, सजा पर रोक लगा दी है और कहा है कि विस्तृत फैसला बाद में उपलब्ध कराया जाएगा।” क्रिकेटर से नेता बने इमरान को 2018 से 2022 के बीच उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान उन्हें और उनके परिवार को मिले राजकीय उपहारों को गैरकानूनी रूप से बेचने के आरोप में दोषी करार देते हुए तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। सत्र अदालत ने पीटीआई प्रमुख पर अगले पांच साल तक राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने पर भी रोक लगा दी थी, जिससे वे आगामी चुनाव नहीं लड़ सकते। इमरान ने निचली अदालत के फैसले को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

SHARE
Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

Must Read

Latest