ज्ञानवापी मामला में वाराणसी जिला न्यायालय आज हिंदू पक्ष की याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। हिंदू पक्ष ने ASI सर्वेक्षण के दौरान एकत्र किए गए साक्ष्यों को संरक्षित करने के लिए एक साक्ष्य कक्ष की मांग की है, ज्ञानवापी के परिसर को आरक्षित करने और सर्वेक्षण करने के लिए ASI द्वारा उपयोग की जाने वाली मशीनों और उपकरणों के उपयोग पर मुस्लिम पक्ष द्वारा आपत्ति जताई गई है।
ज्ञानवापी मामले पर हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि आज के सुनवाई में हमारा मुख्य मुद्दा यह है कि सर्वेक्षण के दौरान एएसआई द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्य को एक साक्ष्य कक्ष में रखा जाना चाहिए। दूसरा वादी ने परिसर को आरक्षित करने के लिए कहा है, उस पर भी होगी सुनवाई। तीसरी बात की मुस्लिम पक्ष ने मलबे को लेकर कई तरह की आपत्तियां जताई है।
एएसआई ने शपथ पत्र दिया है कि सर्वे में कोई नुकसान नहीं होगा, परिसर मलबे से भरा पड़ा है और इससे सर्वे में बाधा उत्पन्न हो रही है। मुस्लिम पक्ष मलबा हटाने को राजी था लेकिन अब मौके पर नहीं हटाने दे रहा है।इन कई बिंदुओं पर आज जिला कोर्ट में सुनवाई है। उन्होंने कहा कि मुझे मुझे नहीं लगता कि सर्वेक्षण चार सप्ताह में समाप्त हो पाएगा। अदालत को इन मुद्दों को हल करने के लिए स्पष्ट फैसला देना चाहिए।
बताते चलें कि इससे पहले ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (के सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। आदेश आने से पहले पांच घंटे तक सर्वे की कार्यवाही हो चुकी थी। इस दौरान सर्वे टीम में शामिल विशेषज्ञों ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में काफी कुछ देखा और तमाम साक्ष्यों को कैमरों में कैद किया गया। मुस्लिम पक्ष यानी ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमिटी ने सर्वे का बहिष्कार किया।