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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक जीवन में सेट किए नए बेंचमार्क

देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 73वां जन्मदिन मना रहा है। दुनिया भर के नेता उन्हें उनके जन्मदिन पर बधाई दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय राजनीति और सार्वजनिक सेवा के परीदृश्य पर नए मानक स्थापित किए हैं। भारत के लोगों की सेवा करने के इच्छुक राजनेताओं के लिए उन्होंने नए मापदंड स्थापित किए हैं। उनकी यात्रा ने भारतीय राजनीति में गहरा बदलाव किया है। शासन करने से लेकर सेवा करने तक, पीएम मोदी ने अपने 9 वर्षों के कार्यकाल में सार्वजनिक सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है।

2014 में जब जम्मू कश्मीर में बाढ़ आई तो उनकी मां ने 5100 रुपये दान दिए, तो वहीं जब 2021 में कोरोना महामारी अपने चरम पर थी, इस दौरान ढाई करोड़ वैक्सीन खुराक की देखरेख – पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन पर नए मानक स्थापित किए हैं।

पिछले 9 वर्षों के कार्यकाल के दौरान पीएम मोदी ने एक भी दिन की छुट्टी नहीं ली है। उनकी कार्यशाली उनके प्रतिद्वंदियों को मात देने में बेजोड़ है। कभी सुरक्षा बलों के साथ त्योहार मनाते हैं तो वहीं विदेश से आधिकारिक यात्राओं से लौटने के तुरंत बाद बैठकें करते हैं। फिर एक के बाद एक कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करते हैं। पीएम मोदी जब कहते हैं कि समय का पल-पल मैं देश के नाम करता हूं, तो वह वास्तव में इस पर खरे उतरते हैं। लगातार जारी हो रहे सर्वेक्षणों में उनकी लोकप्रियता केवल एक संयोग नहीं है, बल्कि भारत को आगे बढ़ाने के उनके इरादे पर लोगों के भरोसे का एक प्रतिबिंब है।

हाल ही में मध्य प्रदेश की एक आदिवासी महिला का एक वीडियो वायरल हुआ और इसमें महिला ने कोरोना संकट के दौरान पीएम मोदी से मिले समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। महिला कहती है, “मोदी ने हमको राशन दिया, शक्कर दिया, सुविधा दिया, हम तो मोदी के साथ हैं।” यह केवल एक महिला की बात नहीं है बल्कि देश भर में ऐसे करोड़ों लोग हैं, जिनको पीएम मोदी की योजनाओं से फायदा हुआ है और वह मोदी पर अटूट भरोसा करते हैं। मैंने त्रिपुरा के आदिवासी इलाकों में ऐसी कहानियां देखी जहां आजादी के बाद पहली बार पक्के मकान बनाए गए हैं। इसे देखने के बाद महसूस होता है कि दिल की गहराई से जुड़ा कोई प्रधानमंत्री ही कोविड संकट के दौरान लोगों को प्रेरित कर सकता है।

पीएम मोदी के एक आवाहन “स्वच्छ भारत” को एक राष्ट्रवादी आंदोलन में बदल दिया। तो वहीं विदेश नीति के प्रति उनके दृष्टिकोण ने भारत के वैश्विक हितों को आगे बढ़ाने के लिए प्रवासी भारतीयों की ताकत का लाभ उठाया।

पैराशूट नेताओं के विपरीत पीएम मोदी कितने जमीन से जुड़े व्यक्ति है यह उनकी वडनगर से शुरुआती यात्रा की एक झलक बताती है। जब 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी ने सफाई कर्मियों के पैर धुले तो उन्होंने सफाई कर्मियों के लिए सम्मान की भावना प्रदान की। वंचितों की गरिमा को बनाए रखना और उसे जन आंदोलन के रूप में विकास को बढ़ावा देना उनकी खासियत है।

पीएम मोदी की उपलब्धियां ने करोड़ो लोगों को प्रेरित किया है। उन्होंने करोड़ों लोगों की जिंदगी में बदलाव लाया है। आज भारत यूपीआई से पेमेंट के मामले में दुनिया में शीर्ष पर खड़ा है। हमें याद रखना चाहिए कि यह वही देश है जहां कभी नगद लेनदेन का बोलबाला था। जब चंद्रयान-2 की असफल सॉफ्ट लैंडिंग हुई तब उन्होंने भारतीय वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया और उनके लिए सहानुभूति भरे शब्द कहें। यह उनके प्रोत्साहन का ही कमाल था कि चंद्रयान 3 को हमारे जांबाज वैज्ञानिकों ने दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करवा दिया और ऐसा करने वाला पहला देश बन गया।

प्रधानमंत्री मोदी भारत के सांस्कृतिक गौरव को अपनी आस्तीन पर पहनने में संकोच नहीं करते हैं और वह भारत की युवाओं में प्राचीन सांस्कृतिक विरासत के गौरव को फिर से जगाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। यह कोई संयोग नहीं है कि पीएम मोदी का 73वां जन्मदिन विश्वकर्मा जयंती के दिन ही पड़ता है। उन्होंने शिल्पकारों और कारीगरों के लिए विश्वकर्मा योजना शुरू की है। इस दिन भारत के युवा एक सच्चे कर्मयोगी से प्रेरणा ले सकते हैं।

Pradeep Bhandari

Founder Jan Ki Baat

Broadcast Journalist and Psephologist

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