प्रदीप भंडारी ने AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के महीला आरक्षण बिल पर दिए उनके बयान पर कहा भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने कहा संविधान की प्रस्तावना में ही कहा गया कि भारत धर्मनिरपेक्ष है जिसे सभी धर्मों के समान व्यवहार की सकारात्मक अवधारणा के रूप में समझा गया है। इस प्रकार देखा जाए तो विशेष धर्म के व्यक्ति के आधार पर आरक्षण धर्मनिरपेक्षता के विरुद्ध है और इसलिए यह असंवैधानिक है।
बताते चलें कि असदुद्दीन ओवैसी ने अपने बयान में मीडिया को कहा की ‘सरकार किसे प्रतिनिधित्व दे रही है? जिनका प्रतिनिधित्व नहीं है। उन्हें प्रतिनिधित्व दिया जाए जिनका कि प्रतिनिधित्व नहीं है। इस बिल में बड़ी खामी यह है कि इसमें मुस्लिम महिलाओं के लिए कोई कोटा नहीं है, इस कारण हम इसके खिलाफ हैं।
ओवैसी ने ट्वीटर पर लिखा ‘चुनावी जुमलों के इस मौसम में यह सभी जुमलों में सबसे बड़ा है, करोड़ों भारतीय महिलाओं और युवतियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा धोखा है, जैसा कि हमने पहले बताया था, मोदी सरकार ने अभी तक 2021 की दशकीय जनगणना नहीं कराई है, जिससे भारत जी 20 में एकमात्र देश बन गया है जो जनगणना कराने में विफल रहा है।
आज नारी शक्ति वंदन अधिनियम को नए संसद भवन में केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने पेश किया। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राज्यसभा में उम्मीद जताई कि महिला आरक्षण बिल सर्वसम्मति से पास होगा। हालांकि विपक्ष और पक्ष के बिच इस बिल को लेकर जोरदार हंगामा भी हुआ।