संसद के विशेष सत्र का आज तीसरा दिन है। लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा हो रही है। नए संसद भवन में पेश होने वाला पहला बिल नारी शक्ति वंदन विधेयक है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में महिला आरक्षण से जुड़ा 128वां संविधान संशोधन नारी शक्ति वंदन विधेयक-2023 पेश किया। आज इस बिल पर सदन में विस्तृत चर्चा होगी। विपक्ष की ओर से आज चर्चा को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी लीड कर रही हैं l
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोनिया गांधी और अधिरंजन चौधरी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा की क्या महिलाओं की चिंता सिर्फ महिलाएं कर सकती हैं? पुरुष को महिलाओं की फिक्र नहीं होनी चाहिए क्या? पुरुषों को भी आगे बढ़कर इसमें हिस्सा लेना चाहिए।
बताते चलें कि सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में कहा हमारे महान देश की मां है स्त्री, हर मोर्चे पर स्त्री पुरुष से पुरुष से कंधा से कंधा मिलाकर लड़ी है। त्याग की पहचान है स्त्री, स्त्री के धैर्य का पता लगाना मुश्किल है। महिलाओं में समंदर जैसा धैर्य होता है। महिला आरक्षण बिल को सबसे पहले कांग्रेस ने ही पारित कराया। मैं इस बिल का समर्थन करती हूं। राजीव गांधी जी का सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है, उनके संबोधन के बाद हंगामा बढ़ गया।
लोकसभा में विपक्ष पर बड़ा हमला बोलते हुए बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, ये लोग सोचते हैं संसद में परकटी महिलाएं नहीं आनी चाहिए, ऐसी इनकी सोच है कांग्रेस ने सालों तक बिल लटकाए रखा। ये बिल कांग्रेस का नहीं, बीजेपी और पीएम का है। जो गोल करता है श्रेय उसी को मिलता है।
उन्होंने कहा हम बिल लाए तो कांग्रेस को दर्द हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने सारे देश में शौचालय बनवाकर महिलाओं को सम्मान दिया। ये देश संविधान से चलता है। अभी सोनिया गांधी ने कहा कि ये बिल जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए। संविधान में कहा गया है कि राज्यसभा में कोई रिजर्वेशन नहीं होगा, फिर कैसे आरक्षण दिया जाए। आप लॉलिपॉप बनाकर ये बिल घुमाते रहे। आर्टिकल- 82 में लिखा हुआ है कि बिल लागू करने की पूरी प्रक्रिया।