महिला आरक्षण विधेयक पर राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के बयान पर भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने पलटवार करते हुए कहा है कि उन्होंने भारत की महिलाओं, बहनों और बेटियों के खिलाफ जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है वह शर्मनाक, अपमानजनक और निंदनीय है। यह चौंकाने वाला है, यह कौन सी भाषा है? असली मंशा क्या है? जब आप सत्ता में थे तो क्या आपने लोकसभा और विधानसभा के लिए ओबीसी के सशक्तिकरण के लिए कोई प्रयास किया था? इनकी कुल दृष्टिकोण यह है कि सत्ता केवल सत्ता मिलनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा की सामान्य ओबीसी या पार्टी कार्यकर्ता के लिए कोई जगह नहीं है, यह परिवार के लिए आरक्षित है। इसलिए यह पाखंड है, दोहरा मापदंड है चौंकाने वाला। जिस तरह से उन्होंने देश की महिलाओं को सशक्त बनाया है, उसके लिए हमें पीएम मोदी पर गर्व है।
बताते चलें कि अब्दुल बारी सिद्दीकी ने अपने बयान में कहा था कि यदि देना है तो पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा महिलाओं को आरक्षण दें। अत्यंत पिछड़ा का भी कोटा तय कर दीजिए तब तो ठीक है, वरना महिला के नाम पर बॉब कट और लिपिस्टिक वाली आ जायेगी। नौकरी में तब आपके महिलाओं को कुछ मिलेगा।
सिद्दकी ने आगे यहां तक कह दिया कि हमारे टीवी वाले भाई जो आते हैं उनकी भी मजबूरी होती है। उनकी नौकरी का सवाल होता है। उनके जो मालिक हैं वो मोदी के इशारे पर चलते हैं। जितने भी समाजवादी हैं वो कसम खाएं की कम से कम लोकसभा चुनाव तक टीवी का बहिष्कार करेंगे। इससे आपका खाना नहीं बंद हो जाएगा। इस सम्मेलन में आपको यह संकल्प लेना होगा वर्ना इस संकल्प का कोई मतलब नहीं है। संकल्प लीजिए की हम अपने पुरखों के अपमान को याद रखेंगे। हम अपने बच्चों को पढ़ाएंगे और अपनी हिस्सेदारी के लिए लडेंगे।