प्रदीप भंडारी ने भारत उच्चायोग लंदन में अपने संबोधन के दौरान बताया कि भारत में पहली बार ऐसा हो रहा है की प्रधानमंत्री दो बार ओबीसी समुदाय से चुना गया है और ये दर्शाता है की लोकतंत्र का सच्चा अमृतकाल अब आया है। सबको उनकी काबिलियत के दम पर उचित पद सौंपा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि बीजेपी ने ओबीसी समाज से आने वाले गरीब परिवार से जुड़े व्यक्ति नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनाया है और निश्चित तौर पर यह हमारी पार्टी के लिए एक बहुत बड़ा प्लस पॉइंट है। वह ओबीसी समाज से जुड़े एक विजनरी नेता हैं, उन्होंने पूरी दुनिया को दिखा दिया है कि एक गरीब परिवार से आया हुआ व्यक्ति किस तरह से भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए काम कर रहा है।
उन्होंने कहा नीतीश कुमार ने जो सर्वे कराया है, वह एनडीए सरकार का फैसला था। जिस समय भाजपा बिहार सरकार में शामिल हुआ करती थी। यह भाजपा-जेडीयू गठबंधन की संयुक्त सरकार का निर्णय था, भाजपा उसमें भागीदार थी और यह नीतीश कुमार के अकेले का फैसला नहीं था।
उन्होंने आगे कहा भारत की वर्तमान सरकार ने संसद में संविधान संशोधन कर राज्य सरकारों को यह अधिकार भी दे दिया है कि वह जिन जातियों को ओबीसी समाज में जोड़ना चाहते हैं जोड़े, निकालना चाहते हैं निकालें, उन्हें ऐसा करने का पूरा अधिकार है। इसलिए हमारा मानना है कि पहले राज्यों को गिनती करने दीजिए।