अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आइईए) ने मंगलवार को कहा कि 2030 तक ऊर्जा की दुनिया में महत्वपूर्ण बदलाव होगा। इस अवधि तक पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक कारों का इस्तेमाल कम से कम 10 गुना बढ़ जाएगा।
विश्व ऊर्जा परिदृश्य 2023 में आइईए ने कहा कि 2030 तक कुल वैश्विक ऊर्जा में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाएगी, जो अभी 30 प्रतिशत के करीब है। आइईए के कार्यकारी निदेशक फातिह बिरोल का कहना है कि स्वच्छ ऊर्जा को लेकर पूरी दुनिया में परिवर्तन हो रहा है और यह रुकने वाला नहीं है। यह ‘अगर’ का सवाल नहीं है, यह सिर्फ ‘कितनी जल्दी’ का मामला है और जितनी जल्दी हो उतना हम सभी के लिए बेहतर होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोयले और गैस से चलने वाले नए बिजली संयंत्रों के मुकाबले 2030 तक नई अपतटीय (आफशोर) पवन ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश तीन गुना तक बढ़ जाएगा। वर्तमान नीतियों के चलते नवीकरणीय ऊर्जा नए बिजली उत्पादन में 80 प्रतिशत का योगदान देने के लिए तैयार है।
सौर ऊर्जा का होगा बड़ा योगदान
इसमें अकेले सौर ऊर्जा की आधे से अधिक हिस्सेदारी होगी। यदि देश अपनी राष्ट्रीय ऊर्जा व जलवायु प्रतिबद्धताओं को समय पर और पूर्ण रूप से पूरा करते हैं तो स्वच्छ ऊर्जा की प्रगति और भी तेजी से आगे बढ़ेगी। आइईए का कहना है कि भारत में 2050 तक आवासीय एयरकंडीशनर (एसी) के लिए बिजली की मांग में नौ गुना की वृद्धि होने की उम्मीद है, जो दक्षिण अफ्रीका की कुल बिजली खपत से ज्यादा होगी।