प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ‘डीप फेक’ बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटलीजेंस (AI) के दुरुपयोग को चिह्नित किया और कहा कि मीडिया को इस संकट के बारे में लोगों को शिक्षित करना चाहिए। पार्टी मुख्यालय में भाजपा के दिवाली मिलन कार्यक्रम में पत्रकारों को संबोधित करते हुए मोदी ने भारत को ‘विकसित भारत’ बनाने के अपने संकल्प का भी जिक्र किया और कहा कि ये केवल शब्द नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत है।
नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी ढेरों वीडियो वायरल हो रही हैं, जिनमें वो गाना गाते और गरबा खेलते हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया को डीप फेक वीडियो के बारे में लोगों को शिक्षित करना चाहिए। पीएम ने कहा, ‘डीपफेक भारत के सामने मौजूद सबसे बड़े खतरों में से एक है, इससे अराजकता पैदा हो सकती है।’
डीपफेक वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई थी। इसकी शुरुआत तब हुई जब मशहूर एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) का एक डीपफेक वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हुआ। इस वीडियो में रश्मिका का चेहरा किसी दूसरी महिला की बॉडी पर मॉर्फ करके लगाया हुआ था। जबकि ओरिजिनल वीडियो में दिख रही महिला ब्रिटिश-इंडियन और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ज़ारा पटेल थी।
डीप फेक एक सिंथेडिक मीडियम है जिसका इस्तेमाल फोटोज, वीडियो और ऑडियो फाइल्स को एडिट करने के लिए किया जाता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से इन फाइल को एडिट किया जाता है। मशीन लर्निंग मॉडल के जरिए इन Deep Fake Video को क्रिएट किया जाता है और तस्वीरों व वीडियो को बदलने के लिए न्यूरल नेटवर्क का इस्तेमाल होता है। Artificial Intelligence के इस तरीके को ही Deep Learning भी कहा जाता है।