छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस के पास 68 सीट हैं। भाजपा पिछले चुनाव में 15 सीट पर सिमट कर रह गई थी। उस चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ को पांच और बसपा को दो सीट मिली थी। कांग्रेस के पास फिलहाल 71 विधायक हैं। बीजेपी के 15 साल के शासन को समाप्त करते हुए कांग्रेस इस राज्य में सत्ता में आई थी।
जन की बात के एग्जिट पोल में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को 42- 51, बीजेपी 34- 45 और अन्य को 3 सीटें दी हैं।
प्रदीप भंडारी ने अपने विष्लेषण के दौरान बताया कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने भ्रष्टाचार, महादेव ऐप बेटिंग केस को मुद्दा बनाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह और प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव तक इन मुद्दों महादेव ऐप के साथ ही भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर बघेल सरकार पर हमलावर रहे वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अपनी उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच गई। कांग्रेस ने भरोसे की सरकार का नारा दिया और इसी थीम पर प्रचार को केंद्रित भी रखा।
बताते चलें कि 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद अधिकतर एग्जिट पोल ने कांग्रेस की सरकार बनने का दावा किया था, और जब परिणाम घोषित किए गए तो कांग्रेस की सरकार बनी थी। इस बार मतदान के पहले दोनों पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्कर दिखाई गई है। कुछ ने कांग्रेस की सत्ता में वापसी का दावा किया है, तो कुछ ने बीजेपी की सरकार बनने की बात कही है।