AIMIM के विधायक और असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी को तेलंगाना का प्रोटेम स्पीकर बनाने का बीजेपी विरोध कर रही है। इस बीच, पार्टी के सभी विधायकों ने शनिवार को शपथ लेने से इंकार कर दिया। तेलंगाना बीजेपी प्रमुख जी किशन रेड्डी ने कहा है कि हम मांग करते हैं कि विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव इस प्रोटेम स्पीकर के साथ नहीं होना चाहिए। हम यही बात राज्य के राज्यपाल को भी बताएंगे।
जी किशन रेड्डी ने हैदराबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमने 8 सीटें जीती हैं और राज्य में 14% वोट प्रतिशत तक पहुंच गए हैं… एक वरिष्ठ नेता को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने की एक परंपरा है। हालांकि, कांग्रेस ने एआईएमआईएम के साथ अपने समझौते के कारण अकबरुद्दीन ओवैसी को इस पद पर नियुक्त किया है। हमें इस पर आपत्ति है। हम मांग करते हैं कि विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव इस प्रोटेम स्पीकर के साथ नहीं होना चाहिए। हम यही बात राज्य के राज्यपाल को भी बताएंगे। वहीं, विधायक टी राजा सिंह ने साफ कहा है कि हम अकबरुद्दीन ओवैसी के सामने शपथ नहीं लेंगे।
उन्होंने कहा, ऐसा व्यक्ति जो सार्वजनिक सभा में हिंदुओं को धमकी देता है, गाली देता है… ऐसे देशद्रोही व्यक्ति को प्रोटेम स्पीकर बनाकर कांग्रेस की गंदी और घिनौनी मानसिकता सामने आ गई। ये फैसला कांग्रेस के गिरावट की पराकाष्ठा है।
वहीं, बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कहा, ओवैसी जैसे लोगों का डीएनए भारत का नहीं है। इनका डीएनए पाकिस्तान का है। मैं टी राजा सिंह और बीजेपी विधायकों के इस फैसले का स्वागत करता हूं। ये बीजेपी का बिल्कुल सही फ़ैसला है।
राजा सिंह ने क्या कहा था?
राजा सिंह ने इससे पहले भी इस मुद्दे पर बयान दिया था। उन्होंने कहा, जब तक जिंदा हूं ओवैसी के सामने शपथ नहीं लूंगा। टी राजा ने कहा, 2018 में भी इसी एआईएमआईएम के विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाकर बिठाया था। उस समय भी नहीं ली। मैं कांग्रेस के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से पूछना चाहता हूं कि क्या आप बीआरएस के मार्ग पर चलना चाहते हैं। तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 8 सीटों पर कब्जा किया है। वहीं, कांग्रेस 64 सीटों पर जीत दर्ज कर सरकार बनाई है। केसीआर की पार्टी बीआरएस 39 सीट ही जीत पाई. वहीं, AIMIM के खाते में 7 सीटें आईं।
बता दें कि प्रोटेम स्पीकर आमतौर पर सदन के सबसे वरिष्ठ विधायक को नियुक्त किया जाता है। उनका काम नए विधायकों को शपथ दिलाना और विधानसभा स्पीकर का चुनाव करवाना होता है। वैसे तो पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर सबसे वरिष्ठ विधायक हैं, मगर वह अस्पताल में भर्ती हैं। इसीलिए चंद्रयानगुट्टा विधानसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले अकबरुद्दीन ओवैसी को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया।