भारतीय बाजार ने 2023 में एफपीआई में लगभग 1.62 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है। अकेले दिसंबर में ही लगभग 57300 करोड़ रुपये का निवेश एफपीआई के जरिए आ चुका है। भारत की राजनीतिक स्थिरता – मजबूत आर्थिक वृद्धि और अमरीका की अर्थव्यवस्था में सुस्ती के चलते यह पैसा भारत आया है। आने वाले नए साल में अमरीका में ब्याज दरें कम हो सकती हैं। इससे साल 2024 में और ज्यादा एफपीआई निवेश भारत आ सकता है।
एक सर्वे के आंकड़ों के अनुसार 22 दिसंबर तक एफपीआई के जरिए कुल 57313 करोड़ रुपये भारत में निवेश किए गए। यह साल 2023 में एक महीने का सबसे बड़ा आंकड़ा है, बीते अक्टूबर में 9000 करोड़ रुपये एफपीआई के जरिए भारत आए थे और साथ ही अगस्त और सितंबर में विदेशी निवेशकों ने 39300 करोड़ रुपये भारत से बाहर भी निकाल लिए थे।
आंकड़ों के अनुसार 2024 में एफपीआई बढ़ने की पूरी संभावना है। उन्होंने कहा कि अमरीका में हो रहे उथलपुथल से निवेशक भारत की ओर आने को मजबूर हो गए हैं। उधर भारत का मार्केट लगातार मजबूत होता जा रहा है। देश में बढ़ती मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों से निवेशक खुश हैं, उन्हें अपना निवेश सुरक्षित दिखाई दे रहा है।
भारतीय स्टॉक मार्केट में एफपीआई की दमदार एंट्री के कई कारण हैं। इनमें राजनीतिक स्थिरता, मजबूत इकोनॉमी और आईपीओ मार्केट का बेहतरीन प्रदर्शन भी शामिल है। इन चीजों ने एफपीआई को भारत में बढ़ाने में अहम योगदान दिया।