भारतीय बैंकों की शुद्ध गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (NPA) सितंबर के अंत में घटकर 0.8 फीसदी के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गईं और पूंजी पर्याप्तता अनुपात 16.6 फीसदी हो गया। इस कारण बैंकिंग प्रणाली मजबूत बनी हुई है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने दिसंबर की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा कि स्ट्रेस टेस्ट के नतीजों के मुताबिक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में अच्छी खासी पूंजी है और शेयरधारकों ने नई पूंजी नहीं डाली तब भी ये वृहद आर्थिक झटके झेल जाएंगे।
रिपोर्ट में कहा गया कि सभी प्रकार की परिसंपत्ति की गुणवत्ता बेहतर हुई है मगर कृषि क्षेत्र में फंसे हुए ऋण 7 फीसदी के आंकड़े के साथ अब भी ज्यादा हैं। कुल मिलाकर खुदरा कर्जों की श्रेणी में परिसंपत्ति की गुणवत्ता बेहतर गई है मगर क्रेडिट कार्ड में प्राप्तियां कुछ सुस्त हैं। उद्योगों की बात करते हुए रिपोर्ट में कहा गया कि बुनियादी ढांचा (बिजली को छोड़कर) और पेट्रोलियम के अलावा सभी प्रमुख उद्योगों में परिसंपत्तियां बेहतर हुई हैं।