भारतीय रेलवे ने स्थिरता की दिशा में अपने महत्वाकांक्षी कदम उठाते हुए अपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि की है। बीते अक्टूबर 2023 तक लगभग 211 मेगावाट के सौर संयंत्र और लगभग 103 मेगावाट के पवन ऊर्जा संयंत्र चालू कर दिए हैं।
यह पहल भारत की व्यापक पहल का एक हिस्सा है, रेल मंत्रालय ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने और अधिक टिकाऊ ऊर्जा स्रोतों में परिवर्तन की ये अहम रणनीति है।
विद्युतीकरण में चौदह राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं, जिनमें चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश , जम्मू और कश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश, मेघालय, ओडिशा, पुडुचेरी, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे क्षेत्र 100% विद्युतीकरण प्राप्त कर रहे हैं।
पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में भारतीय रेलवे ने 2030 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जक बनने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। अपनी हरित पहल के हिस्से के रूप में रेलवे ने कई ऊर्जा-कुशल प्रौद्योगिकियों को लागू किया है। इनमें पुनर्योजी सुविधाओं के साथ तीन चरण वाले इलेक्ट्रिक इंजनों के उत्पादन में बदलाव, हेड ऑन जेनरेशन तकनीक को लागू करना और रेलवे भवनों और कोचों में एलईडी लाइटों की व्यापक स्थापना शामिल है।