देश के बैंकों ने दिसंबर में कुछ एंप्लॉयी बेनेफिट डिजिटल रुपये के जरिए दिए हैं। इससे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को पिछले वर्ष के अंत तक इसकी प्रति दिन 10 लाख ट्रांजैक्शंस का टारगेट पूरा करने में आसानी हुई है। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या ई-रुपये को कैश के डिजिटल विकल्प के तौर पर डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी के जरिए तैयार किया है।
ई-रुपये का ट्रायल RBI ने शुरू किया था। हालांकि, इसके बाद पिछले वर्ष अक्टूबर तक लगभग 25,000 प्रति दिन तक पहुंची थी। इसका यूज केस भी बढ़ाया गया था और इसे बड़ी संख्या में इस्तेमाल होने वाले यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) से जोड़ा गया था। UPI में मोबाइल ऐप्स के जरिए रकम भेजने की सुविधा मिलती है।
UPI में मोबाइल ऐप्स के जरिए रकम भेजने की सुविधा मिलती है। एक सूत्र ने बताया कि पिछले महीने कुछ बड़े सरकारी और प्राइवेट बैंकों ने एंप्लॉयी बेनेफिट स्कीम्स से जुड़ी रकम को एंप्लॉयीज के CBDC वॉलेट्स में ट्रांसफर किया था। इनमें HDFC Bank, Kotak Mahindra Bank, Axis Bank, Canara Bank और IDFC First Bank शामिल थे। इससे ट्रांजैक्शंस तेजी से बढ़ी हैं।