अधिकांश भारतीय CEO अर्थव्यवस्था को लेकर आशावादी हैं और मानते हैं कि आने वाले समय में भारत में 86% CEO आश्वस्त हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर आशावाद दुनिया भर में दिख रहा है।
कंपनीयों के 27वें वार्षिक वैश्विक सर्वेक्षण में 2 अक्टूबर से 10 नवंबर, 2023 तक 105 देशों और क्षेत्रों में 4,702 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें भारत में 79 शामिल थे। भारत में 86 प्रतिशत सीईओ थे जो 30 प्रतिशत अधिक एक साल पहले से विश्वास है कि अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।
हालांकि इसकी तुलना में, केवल 44 प्रतिशत वैश्विक सीईओ मानते हैं कि उनके क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर आशावाद दुनिया भर में परिलक्षित होता है, देश 2023 में नौवें स्थान पर रहने के बाद वैश्विक सीईओ के लिए पांचवें शीर्ष निवेश गंतव्य की स्थिति को पुनः प्राप्त कर रहा है।
बताते चलें कि भारत में कम से कम 62 प्रतिशत कारोबारी नेता अगले 12 महीनों में अपनी कंपनियों की वृद्धि को लेकर अत्यधिक या बहुत आश्वस्त थे। वैश्विक स्तर पर केवल 37 प्रतिशत सीईओ ने यही कहा है।
भारत में सीईओ ने मुद्रास्फीति और साइबर हमलों को अगले 12 महीनों में अपनी कंपनियों के लिए सबसे बड़े खतरों के रूप में सूचीबद्ध किया है। 2023 में 18 प्रतिशत की तुलना में 28 प्रतिशत भारतीय सीईओ ने साइबर हमलों को शीर्ष खतरा माना है।