22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां इस समय जोरों-शोरों से चल रही हैं। ऐसा माना जा रहा है कि मंदिर के कार्यक्रम में शामिल होने से पहले या बाद में अयोध्या में स्थित पवित्र सरयू नदी में प्रधानमंत्री आस्था की डुबकी लगा सकते हैं। बताया जा रहा है कि प्रधान मंत्री सरयू के कच्चा घाट पर लगा सकते है आस्था की डुबकी घाट को तैयार करने की कवायद इस समय बहुत तेज हो गई है।
बताते चलें कि इसके लिए उसी स्थान का चयन हुआ है जहां बीते शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोलर बोट का लोकार्पण किया था। सरयू नदी में पीएम के स्नान की अटकलों के बीच सरयू नदी में 16 जनवरी को तीन हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है, ताकि अगर प्रधानमंत्री स्नान करें तो घाट पर पर्याप्त जल हो।
रामचरित मानस में सरयू नदी का वर्णन किया गया है। एक बार भगवान श्री राम ने लक्ष्मण जी को बताया था कि सरयू नदी इतनी पवित्र है कि यहां लोग यहां तीर्थ दर्शन और स्नान के लिए आते हैं। यहां स्नान करने मात्र से ही सभी तीर्थ स्थानों के दर्शन के पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति सरयू नगीं में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करता है, उसे सभी तीर्थीों के दर्शन का फल मिलता है।
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्री राम ने सरयू नदी में ही जल समाधि ली थी और अपनी लीला समाप्त की थी। इस कारण भोलेनाथ सरयू नदी पर बहुत क्रोधित हुए थे. और सरयू नदी को श्राप दिया था कि तुम्हारा जल मंदिर में चढ़ाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं पूजा-पाठ में भी सरयू नदी का जल इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।