काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी मामले में एक बड़ी बात निकल के सामने आई है। एएसआई ने अपनी सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने एएसआई की रिपोर्ट के हवाला देते हुए कहा है की मस्जिद के पहले वहां बड़ा मंदिर था। वहीं इसके बाद जन की बात के संस्थापक और सीईओ प्रदीप भंडारी ने विष्णु शंकर जैन से मुलाकात की और इस मुद्दे पर चर्चा की। जल्द ही जन की बात के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह वीडियो रिलीज होगा।
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कई दावे किए हैं। गुरुवार को उन्होंने एएसआई की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक की और कहा, “रिपोर्ट में सामने आया है कि ज्ञानवापी में पहले हिंदू मंदिर था। जिला जज के नकल विभाग कार्यालय ने उन्हें ज्ञानवापी मस्जिद की ASI सर्वे रिपोर्ट सौंप दी है। जीपीआर सर्वे पर ASI ने कहा है कि यह कहा जा सकता है कि यहां पर एक बड़ा भव्य हिन्दू मंदिर था, अभी के ढांचा के पहले एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था। ASI के मुताबिक वर्तमान जो ढांचा है उसकी पश्चिमी दीवार पहले के बड़े हिंदू मंदिर का हिस्सा है। यहां पर एक प्री एक्जिस्टिंग स्ट्रक्चर है उसी के ऊपर बनाए गए।”
Gyanvapi built on remains of pre-existing temple, Hindu deities buried underneath: ASI survey report.
What impact will it have on the #GyanvapiSurvey case?
Jan Ki Baat Founder Pradeep Bhandari meets Advocate Vishnu Shankar Jain, representing the Hindu side in the Gyanvapi… https://t.co/CHHQN6YNfa
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) January 26, 2024
हिंदू पक्ष ने आगे रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पिलर्स और प्लास्टर को थोड़े से मोडिफिकेशन के साथ मस्जिद के लिए फिर से इस्तेमाल किया गया है। हिंदू मंदिर के खंभों को थोड़ा बहुत बदलकर नए ढांचे के लिए इस्तेमाल किया गया। पिलर के नक्काशियों को मिटाने की कोशिश की गई। यहां पर 32 ऐसे शिलालेख मिले हैं जो पुराने हिंदू मंदिर के हैं।