विदेशी ब्रोकरेज जेफ़रीज़ का मानना है कि पूंजीगत व्यय चक्र के पुनरुत्थान पर सवार होकर भारतीय अर्थव्यवस्था अगले 5-7 वर्षों में 6-7 प्रतिशत की मजबूत जीडीपी वृद्धि हासिल करेगी। जेफरीज ने दावा किया है कि आगामी अंतरिम बजट में किसी भी संभावित केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय में मंदी के अगले दो वर्षों में संभावित 140 आधार अंकों के राजकोषीय समेकन के कारण चिंता का विषय नहीं है और इससे व्यापक पूंजीगत व्यय चक्र को नुकसान नहीं होगा।
आगे दावा किया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि निजी पूंजीगत व्यय बढ़ने की उम्मीद है और यह ऑफसेट से अधिक होना चाहिए।
मजबूत कर संग्रह और कम सामाजिक खर्च ने सरकार को पिछले पांच वर्षों में पूंजीगत व्यय 3 गुना बढ़ाने की अनुमति दी। भारत का पूंजीगत व्यय बनाम जीडीपी अनुपात वित्त वर्ष 2020 में निचले स्तर पर पहुंच गया और तब से इसमें 270 आधार अंकों की वृद्धि हुई है।