केन्द्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा है कि महंगाई को नियंत्रित करने हेतु भारत ब्रांड आटा की बिक्री रियायती मूल्य पर की गई और उसके लिए भारतीय खाद्य निगम द्वारा तीन सरकारी एजेंसियों को जनवरी में 3 लाख टन गेहूं का स्टॉक आवंटित किया गया, ताकि वे इसकी मिलिंग करवाकर आटा की बिक्री जारी रख सके।
बताते चलें कि भारत आटा का दाम 27.50 रुपए प्रति किलो नियत किया गया है। खुदरा स्तर पर सरकारी हस्तक्षेप के बावजूद गेहूं के आटे का भाव खुले बाजार में मजबूत बना हुआ है। उपभोक्ता मामले विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि अखिल भारतीय स्तर पर आटा का औसत खुदरा मूल्य उछलकर 36.50 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया।
खाद्य सचिव का कहना है कि सरकार का इरादा ऐसे क्षेत्रों में कीमतों को नीचे लाने का है जहां यह औसत स्तर से ऊपर चल रही है। सरकार मार्च 2024 तक रियायती मूल्य पर आटा की बिक्री जारी रखेगी ताकि खाद्य महंगाई में तेजी पर अंकुश लगाया जा सके। लेकिन यह प्लान कीमतों एवं जरूरत पर निर्भर करेगा।