आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार पर एक किताब आई है। इस किताब का नाम “Man Of The Millennia – Dr. Hedgewar” है। इस किताब को मराठी में N.H. Palakar ने लिखा है और ट्रांसलेशन अनिल नेने ने किया है। किताब का प्रकाशन सुरुचि प्रकाशन ने किया है।
मौजूदा राजनीतिक दौर में हमेशा आरएसएस का जिक्र होता है। ऐसे में हम आपको बता दें कि जब जब आरएसएस का उल्लेख होगा उस वक्त हेडगेवार को याद किए जाएगा, क्योंकि यह वही व्यक्ति हैं जिन्होंने ग्रैंड ओल्ड पार्टी को अलविदा कहते हुए साल 1925 में 17 लोगों के साथ मिलकर राष्ट्रवाद की परिधि में आरएसएस नामक संगठन की स्थापना की थी।
इस किताब का विमोचन संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने किया है। कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हेडगेवार ने नेहरू की लाहौर घोषणा का स्वागत किया था और संघ के कार्यालय में खुशियां मनाई गई थी।
संघ को समझने के लिए दिमाग से अधिक दिल चाहिए। मा दत्तात्रेय होसबोले
You need heart more than intellect to understand RSS
Ma Dattatreya Hosbale pic.twitter.com/FfBcwWzf3I— Mukul Kanitkar 🇮🇳 (@mukulkanitkar) March 1, 2024
अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने वाले हेडगेवार बचपन से ही क्रांतिकारी स्वभाव के थे। डॉक्टर साहब का जन्म 1 अप्रैल, 1889 को नागपुर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। बचपन से ही क्रांतिकारी स्वभाव के रहे डॉ. हेडगेवार अंग्रेजी हुकूमत से नफरत करते थे। उन्होंने 10 साल की उम्र में ही रानी विक्टोरिया के राज्यारोहण की 50वीं जयंती पर बांटी गई मिठाई को फेंक दिया था और विदेशी राज्य की खुशियां मनाने से इनकार कर दिया था।