राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिछले 99 वर्षों से एक सामाजिक संगठन के रूप में सक्रिय है। विजयादशमी 2025 को इसके अस्तित्व के सौ साल पूरे हो जाएंगे। इस संदर्भ में इस वर्ष वार्षिक अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (ABPS) शताब्दी वर्ष की कार्य योजनाओं पर चर्चा करेगी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस वर्ष 15, 16 और 17 मार्च को नागपुर के रेशिमबाग में स्मृति भवन परिसर में अपनी वार्षिक प्रतिनिधि सभा आयोजित करेगा।
एबीपीएस विशेषकर शाखाओं से संबंधित कार्यों की समीक्षा करेगा। आरएसएस का लक्ष्य शताब्दी वर्ष में शाखाओं की संख्या एक लाख तक ले जाना है। इसकी घोषणा आज रेशिमबाग परिसर में प्रेस वार्ता में अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने की।इस अवसर पर पश्चिम क्षेत्र संघचालक डॉ. जयंतीभाई भदेसिया मंच पर उपस्थित थे। अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार और आलोक कुमार दोनों भी मौजूद थे।
यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि एबीपीएस 2018 से छह साल बाद नागपुर में आयोजित किया जा रहा है। इसमें देश भर से कुल 1529 प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है। संघ से प्रेरित 32 संगठन और कुछ समूह हिस्सा लेंगे। राष्ट्र सेविका समिति प्रमुख संचालिका शांतक्का जी, विश्व हिंदू परिषद से आलोक कुमार जी एवं अन्य उपस्थित रहेंगे। प्रतिनिधि सभा के दौरान सभी संगठन अपने कार्यों, उनके सामने मौजूद मुद्दों और एबीपीएस के दौरान संभावित समाधान के प्रयासों के बारे में रिपोर्ट और चर्चा करते हैं।
इस वर्ष 22 जनवरी को श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से उत्साह और उल्लास का माहौल है। यह ऐतिहासिक घटना भारतीय परिप्रेक्ष्य में बहुत महत्वपूर्ण है। प्रतिनिधि सभा इस संबंध में प्रस्ताव पारित करेगी। यह अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा माननीय सरकार्यवाह पद के लिए चुनाव प्रक्रिया की गवाह बनेगी। इसमें पूजनीय सरसंघचालक जी के राष्ट्रव्यापी प्रवास की योजना को भी अंतिम रूप दिया जाएगा। इसमें समाज के हित के लिए पंच परिवर्तन कार्यक्रम पर भी गहन चर्चा होगी।कार्यक्रम में सामाजिक परिवर्तन के लिए पांच प्रमुख बिंदु शामिल हैं, जैसे सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण, ‘स्व’ पर आग्रह और नागरिकों के कर्तव्य। यह वर्ष अहिल्याबाई होल्कर का जन्म शताब्दी वर्ष भी है। संघ इस पर बयान जारी करेगा। त्रिशताब्दी मई 2024 और अप्रैल 2025 के बीच मनाई जाएगी। प्रतिनिधि सभा नए संशोधित पाठ्यक्रम के साथ संघ शिक्षा वर्ग पर भी चर्चा करेगी।