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महंगाई के मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर, मई में भारत का रिटेल इनफ्लेशन नवंबर से 5% रह सकता कम

एसबीआई रिसर्च के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक द्वारा आंकी गई भारत की खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में 3 प्रतिशत तक गिरने से पहले मई तक 5% से थोड़ा ऊपर रहने की उम्मीद है। नवंबर से शुरू होकर वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंत तक खुदरा मुद्रास्फीति प्रिंट 5% से नीचे रहने की उम्मीद है।

बताते चलें कि भोजन को छोड़कर सभी श्रेणियों में कीमतों में गिरावट के कारण, भारत में खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में थोड़ी कम होकर पिछले महीने के 5.10% से 5.09% हो गई।

वहीं सब्जियों की कीमतें भी महीने-दर-महीने 300 आधार अंक बढ़कर 30.2% हो गईं। कोर सीपीआई गिरकर 3.37% हो गया – 52 महीने का निचला स्तर और अक्टूबर-19 के स्तर पर पहुंच गया है।

आरबीआई ने मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई में मई 2022 से रेपो दर को संचयी रूप से 250 आधार अंक बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। ब्याज दरें बढ़ाना एक मौद्रिक नीति साधन है जो आम तौर पर अर्थव्यवस्था में मांग को दबाने में मदद करता है, जिससे मुद्रास्फीति दर में गिरावट में मदद मिलती है।

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Chandan Kumar Pandey
Chandan Kumar Pandeyhttp://jankibaat.com
Chandan Pandey has 5 year+ experience in journalism field. Visit his twitter account @Realchandan21

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