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गौतम अडानी ने बताया अपनी सफलता का राज, बोले- मैं जितनी बार गिरा, उतनी बार खड़ा होने में कामयाब रहा

अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी बुधवार को मुंबई में एक प्राइवेट इवेंट में शामिल हुए। इस बीच उन्होंने अपने संबोधन के दौरान अपने बचपन को याद किया। गौतम अडानी ने कहा, “मैंने मुंबई में डायमंड के बिजनेस में 4 साल तक काम किया। इस शहर ने मुझे बड़ा सोचना, बड़े सपने देखना और सबसे बढ़कर सफल होने की आकांक्षा करना सिखाया। इसके बाद जब मैं 19 साल का होने वाला था और मुंबई में बसने वाला था, तभी मेरी जिंदगी में एक अप्रत्याशित मोड़ आया। मुझे मेरे बड़े भाई ने अहमदाबाद के पास अधिग्रहित एक छोटे पैमाने की PVC फिल्म फैक्ट्री को चलाने में मदद करने के लिए बुलाया। ये बिजनेस भारी आयात प्रतिबंधों और कच्चे माल की कमी के कारण बेहद चुनौतीपूर्ण था। इस चुनौती ने मेरे अगले बड़े सबक के लिए आधार तैयार किया।”

गौतम अडानी ने कहा, “मैंने काफी कम उम्र में एंटरप्रिन्योर जर्नी की शुरुआत की थी। ये रिस्क लेने और कभी-कभी नुकसान झेलने के बाद भी संभल जाने के बारे में है। मैंने जितनी बार नुकसान झेला और जितनी दफा गिरा, उतनी बार मैं फिर से खड़े होकर रास्ता खोजने में कामयाब रहा। मैं पहले भी गिरकर उठ सकता था और आज भी उठने में सक्षम हूं। मुझे गिरने का कभी डर नहीं था।”

गौतम अडानी ने कहा कि उनकी सफलता के पीछे कोई और नहीं उनकी पत्नी प्रीति अडानी हैं। उनका कहना था कि वह सिर्फ 10वीं पास हैं। जबकि उनकी पत्नी क्‍वालिफाइड डॉक्टर। उन्‍होंने कहा कि उनकी पत्नी ने उनसे शादी करने का साहसिक निर्णय लिया और उनका घर संभाला। उनके बच्चों की पढ़ाई और उनकी सफलता के पीछे प्रीति ही हैं।

गौतम अडानी ने आगे कहा, “ट्रेडिंग एक मानसिक लड़ाई है। यह बाजार के साथ भी चलती है और खुद के साथ भी। हर नुकसान सबक सिखाता है। प्रत्येक लाभ ज्ञान देता है। यह मंत्र हमेशा मेरे साथ रहा है। मैने डायमंड बिजनेस में मुंबई में चार साल तक काम किया। यह ऐसा शहर है जहां हर दिल की धड़कन गूंजती है – बड़ा सोचो, बड़ा सपना देखो। वास्तव में मुंबई ने मुझे सिखाया कि क्‍या आकांक्षाएं रखनी हैं।”

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