जन की बात के संस्थापक और जी न्यूज के कंसल्टिंग एडिटर प्रदीप भंडारी ने अपने डिबेट “ताल ठोक के” में सीएए पर बहस की। इस दौरान उन्होंने अपने बयान में कहा कि देश के विपक्ष के कुछ नेता झूठ फैला रहे हैं।
प्रदीप भंडारी ने कहा, “8 अप्रैल 1950 को नेहरू-लियाकत पैक्ट में साफ लिखा था कि पाकिस्तान और भारत दोनों देशों की जिम्मेदारी है कि वह अपने देश के अल्पसंख्यक समुदाय को समान अधिकार दें और सरकार उनके साथ कोई भेदभाव ना करें। पाकिस्तान में ऐसा नहीं हो रहा है। पाकिस्तान में जो अल्पसंख्यक आबादी आजादी के समय 20% से अधिक थी, वह अब तक 2 फीसदी आ चुकी है।”
' The initial Citizenship Act was legislated by the #JawaharlalNehru & the #Congress government in 1955. India has long recognised the problem of Hindus and other minorities in neighbouring countries. The Nehru – Liaquat pact was the outcome of six days of talks sought to… pic.twitter.com/H2d6Y5wYn3
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) March 13, 2024
प्रदीप भंडारी ने कहा कि ममता बनर्जी ने 4 अगस्त 2005 को संसद में कहा था कि बंगाल में घुसपैठियों की समस्या बड़ी हो चुकी है, इस देश की सांसद कब इस पर चर्चा करेगी? प्रदीप भंडारी ने पूछा कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी CAA को लेकर प्रस्ताव पास कर चुकी है। ममता बनर्जी चर्चा की मांग कर चुकी है तो अब विरोध क्यों हो रहा है? क्या चुनाव से पहले केवल राजनीतिक कारणों से इसका विरोध हो रहा है?