विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने मार्च में अपनी खरीदारी का सिलसिला जारी रखा, जिससे भारतीय बाजारों में लगातार खरीदार बने रहे। बीते जनवरी में बड़े विक्रेता होने के बाद फरवरी में विदेशी निवेशकों ने मामूली बढ़त जारी रखी। बाजार विशेषज्ञों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एफपीआई ने इस महीने स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से कुछ थोक सौदों में भी निवेश किया।
बताते चलें कि भारत में इस नए सिरे से दिलचस्पी के मुख्य रूप से तीन कारण हैं। भारतीय बाजार काफी लचीलापन दिखा रहा है और हर गिरावट पर खरीदारी हो रही है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार के विजयकुमार ने कहा, एफपीआई को वही शेयर खरीदने के लिए मजबूर किया गया है जो उन्होंने उच्च कीमतों पर बेचे थे, जो एक हारने वाला खेल है।