केयर एज रेटिंग्स के एक विश्लेषण से यह पता चलता है की भारत 2030 तक वाहनों की बिक्री का 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक करना लक्ष्य पारंपरिक ईंधनों से चलने वाले वाहनों की मांग धीरे-धीरे वैकल्पिक ईंधन का इस्तेमाल करने वाले वाहनों की ओर शिफ्ट हो रही है।
बताते चलें कि पेट्रोल वाहनों की बिक्री का प्रतिशत, कुल वाहन बिक्री के प्रतिशत के रूप में 2020 में 86 प्रतिशत से घटकर 2023 में 76 प्रतिशत हो गया है। जबकि डीजल वाहनों के लिए यह 2020 में 12 प्रतिशत से घटकर 2023 में 11 प्रतिशत हो गया है।
वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले वाहनों की बिक्री मात्रा में कैलेंडर वर्ष 2023 में CY2020 की तुलना में 400 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई, हालांकि यह बहुत कम आधार पर है।
इलेक्ट्रिक वाहन सबसे कम लाइफटाइम लागत प्रदान करते हैं। इसके बाद सीएनजी का नंबर आता है। ईवी की मांग तेजी से बढ़ रही है, जो सरकारी प्रोत्साहन, बैटरी की लागत कम होने और ईंधन लागत, विशेष रूप से पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से प्रेरित है। भारत का लक्ष्य 2030 तक सभी वाहनों की बिक्री का 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक करना है।