बैंकरों ने कहा है कि भारतीय बांडों में विदेशी निवेश 28 जून के आसपास एक दशक के उच्चतम स्तर 2 बिलियन डॉलर पर पहुंच जाएगा, जब उन्हें व्यापक रूप से ट्रैक किए जाने वाले जेपी मॉर्गन सूचकांक में शामिल किया जाएगा, हालांकि केंद्रीय बैंक रुपए में अप्रत्याशित वृद्धि से बचने के लिए अधिकांश डॉलर को अपने पास रख लेगा।
बताते चलें कि चार बैंकरों द्वारा एक दिन में $2 बिलियन के निवेश का अनुमान, 20 अगस्त, 2014 को भारतीय बॉन्ड में डाले गए रिकॉर्ड-उच्च $2.7 बिलियन से केवल पीछे है, क्योंकि क्रेडिट रेटिंग अपग्रेड की संभावनाओं ने जोर पकड़ा है।
वहीं $200 बिलियन से अधिक की संपत्ति जेपी मॉर्गन इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स को ट्रैक करती है, जिसमें मार्च 2025 तक भारत का भार अंततः 10% होगा, जो 10 महीने की अवधि में कम से कम $20 बिलियन के कुल निष्क्रिय प्रवाह का सुझाव देता है।
भारतीय रिजर्व बैंक जो रुपए को अब तक के सबसे निचले स्तर पर गिरने से रोकने के लिए इस पर कड़ी नजर रख रहा है, वह रुपए में आने वाले निवेश और सट्टेबाज़ी की स्थिति के प्रति सतर्क रहेगा, लेकिन उसने अतिरिक्त निगरानी उपाय नहीं अपनाए हैं, ऐसा आरबीआई की योजनाओं से अवगत एक सूत्र ने बताया।