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सेमीकंडक्टर निर्माण पर मोदी सरकार का फोकस, 44 हजार करोड़ रुपये का हुआ निवेश

भारत के बढ़ते उपभोक्ता और व्यावसायिक बाज़ार, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में इसकी ताकत और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पुनर्संतुलन को ध्यान में रखते हुए, भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने के लिए भारत निर्मित वैश्विक ब्रांडों के लिए 44 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।

अगले पांच वर्षों में भारत में सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण और पैकेजिंग क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को पांच सुविधाओं तक विस्तारित करने और 28 एनएम या उससे अधिक पर लीगेसी सेमीकंडक्टर का उत्पादन करने वाले कारखानों को आकर्षित करने की क्षमता रखता है।

बताते चलें कि सेमीकंडक्टर विनिर्माण में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने से सेमीकंडक्टर डिजाइन में भारत के दशकों पुराने अनुभव को बल मिलेगा, जहां विश्व के एकीकृत सर्किट डिजाइन कार्यबल का 20%, यानी 125,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। सेमीकंडक्टर उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिभा की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

भारत से प्रतिवर्ष निकलने वाले 800,000 से अधिक इंजीनियर इसमें मदद कर सकते हैं, लेकिन बेहतर पाठ्यक्रम, प्रशिक्षण और तैयारी की आवश्यकता है, क्योंकि केवल एक छोटा सा अंश ही स्नातक होने पर उद्योग के लिए तैयार होता है।

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