वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, चालू वित्त वर्ष में भारत का वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात 800 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2023-24 में निर्यात 778.2 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा, जिसमें वस्तुओं का योगदान 437.1 बिलियन अमरीकी डॉलर और सेवाओं का योगदान 341 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा।
मंत्री ने कहा कि यूरोप जैसे प्रमुख लोकतंत्रों में आगामी चुनावों के बीच मई में भारत के निर्यात में 9% की वृद्धि एक बहुत ही सकारात्मक संकेतक है। यह वृद्धि भारत के साथ व्यापार और निवेश में वैश्विक रुचि को रेखांकित करती है। गोयल ने विश्वास व्यक्त किया कि इस वित्तीय वर्ष में भारत 800 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक का ऐतिहासिक निर्यात हासिल करेगा।
उन्होंने रत्न और आभूषण निर्यातकों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान ये टिप्पणियां की। भारत ने मार्च तिमाही में 5.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का चालू खाता अधिशेष हासिल किया, जो सकल घरेलू उत्पाद के 0.6 प्रतिशत के बराबर है। यह दस तिमाहियों में देश की बाहरी आर्थिक ताकत के इस प्रमुख उपाय में अधिशेष की पहली घटना है।
बताते चलें कि मंत्रालय निर्यात बढ़ाने, खासकर मूल्यवर्धित उत्पादों के लिए मसालों, रबर, तंबाकू, चाय और कॉफी जैसे बागान बोर्डों के साथ बैठकों की एक श्रृंखला में सक्रिय रूप से शामिल है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत ने घरेलू हीरा पॉलिशिंग उद्योग के हितों की रक्षा के लिए यूरोपीय संघ और जी7 देशों द्वारा रूसी मूल के बिना पॉलिश किए गए हीरों के आयात पर प्रतिबंध को प्राथमिकता दी है।