भारत सरकार का लक्ष्य 2027-28 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनना है। इसी के तहत 2015 में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम शुरू किया गया था। भारत का लक्ष्य प्रत्येक नागरिक के लिए एक मुख्य उपयोगिता के रूप में डिजिटल बुनियादी ढांचे का विकास करना है।
ये उपलब्धियाँ किसी से छिपी नहीं हैं। भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने हाल ही में कहा था कि भारत ने डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना में अविश्वसनीय सफलता हासिल की है। हमने नौ साल में वह हासिल कर लिया जो डीपीआई के बिना 50 साल में हासिल किया जा सकता था।
बताते चलें कि डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना या जैसा कि इसे आम बोलचाल की भाषा में इंडिया स्टैक कहा जाता है, प्रौद्योगिकी, बाजार और शासन के चौराहे पर स्थित है, जो विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय नवाचार और स्पष्ट परिवर्तन को सक्षम बनाता है। आधार, डिजिलॉकर और यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस भारत की DPI सेवाओं के कुछ प्रमुख उदाहरण हैं।
UPI ने जनवरी 2024 में एक महीने में 12 बिलियन लेनदेन संसाधित करने का मील का पत्थर हासिल किया।