प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को जलविद्युत विकास के लिए पूर्वोत्तर राज्यों को 4,136 करोड़ रुपये की इक्विटी सहायता को मंजूरी दे दी। सरकार ने बताया कि इस योजना का परिव्यय वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2031-32 तक लागू करने के लिए 4136 करोड़ रुपये है। योजना के तहत लगभग 15000 मेगावाट की संचयी पनबिजली क्षमता का समर्थन किया जाएगा।
केंद्रीय वित्तीय सहायता केवल व्यवहार्य जल विद्युत परियोजनाओं तक ही सीमित होगी। सरकार ने कहा कि परियोजना को व्यवहार्य बनाने के लिए राज्यों को मुफ्त बिजली माफ करने और/या एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति करने की आवश्यकता होगी।
सरकार ने बताया, “यह योजना उत्तर पूर्व की जल विद्युत क्षमता के दोहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह उत्तर पूर्वी क्षेत्र में भारी निवेश लाएगी और परिवहन के माध्यम से अप्रत्यक्ष रोजगार / उद्यमशीलता के अवसरों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगी।”