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कुवैत के लेबर कैंप में भारतीय कामगारों से पीएम मोदी ने की मुलाकात, नाश्ता भी किया साथ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुवैत यात्रा पर हैं। कुवैत पहुंचने पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। पिछले 43 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है। कुवैत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और कुवैत का रिश्ता सभ्यताओं और सागर का है। उन्होंने कहा, व्यापार-कारोबार का है, भारत और कुवैत, अरब सागर के दो किनारों पर बसे हैं। हमें सिर्फ डिप्लोमेसी ने ही नहीं, बल्कि दिलों ने आपस में जोड़ा है। हमारा वर्तमान ही नहीं, बल्कि हमारा अतीत भी हमें जोड़ता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कुवैत दौरे के दौरान एक लेबर कैंप का दौरा किया। विदेश मंत्रालय ने इस यात्रा को विदेश में भारतीय श्रमिकों के कल्याण को दिए जाने वाले उनके महत्व का प्रतीक बताया। कुवैत की अपनी यात्रा के पहले कार्यक्रम के रूप में पीएम मोदी ने कुवैत के मीना अब्दुल्ला क्षेत्र में एक श्रमिक शिविर का दौरा किया, जहां 90 फीसदी से अधिक भारतीय कामकार हैं।

उन्होंने भारत के विभिन्न राज्यों से आए भारतीय श्रमिकों से बातचीत की, उनका हालचाल पूछा और गल्फ स्पिक लेबर कैंप में नाश्ते के दौरान उनमें से कुछ के साथ एक मेज पर बैठे। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने पहले कहा था कि इसका उद्देश्य यह दर्शाना था कि भारत सरकार हमारे श्रमिकों को कितना महत्व देती है। यही इसका मुख्य उद्देश्य है।

विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, “श्रम शिविर की यात्रा प्रधानमंत्री द्वारा विदेश में भारतीय श्रमिकों के कल्याण को दिए जाने वाले महत्व का प्रतीक है। पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने विदेश में भारतीय श्रमिकों के कल्याण के लिए ई-माइग्रेट पोर्टल, मदद पोर्टल और उन्नत प्रवासी भारतीय बीमा योजना जैसी कई प्रौद्योगिकी-आधारित पहल की हैं।”

भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अतीत में संस्कृति और वाणिज्य द्वारा निर्मित संबंध आज नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं और आज कुवैत भारत का एक महत्वपूर्ण ऊर्जा और व्यापार भागीदार है। उन्होंने कहा कि कुवैती कंपनियों के लिए भी भारत एक बहुत बड़ा निवेश गंतव्य है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत, दुनिया के उन पहले देशों में से एक है, जिसने कुवैत की स्वतंत्रता के बाद उसे मान्यता दी थी। इसलिए जिस देश से, जिस समाज से इतनी सारी यादें जुड़ी हैं।वहां आना मेरे लिए बहुत यादगार है। मैं कुवैत के लोगों और यहां की सरकार का बहुत आभारी हूं। भारत के स्टार्टअप, फिनटेक से हेल्थकेयर तक, स्मार्ट सिटीज से ग्रीन टेक्नोलॉजी तक कुवैत की हर जरूरत के लिए अत्याधुनिक समाधान बना सकते हैं। भारत का स्किल्ड यूथ, कुवैत की फ्यूचर जर्नी को भी नई स्ट्रेंथ दे सकता है। भारत में आज दुनिया की स्किल कैपिटल बनने का भी सामर्थ्य है। इसलिए भारत, दुनिया की स्किल डिमांड को पूरा करने का सामर्थ्य रखता है।”

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