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मोदी सरकार की नीतियों के कारण ग्रामीण भारत को महंगाई से राहत, रिटेल महंगाई दर में आई कमी

सरकार द्वारा सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए खुदरा महंगाई दर जनवरी 2025 में क्रमशः 4.61 प्रतिशत और 4.73 प्रतिशत रही, जो दिसंबर 2024 में 5.01 प्रतिशत और 5.05 प्रतिशत थी। श्रम मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, कृषि श्रमिकों के लिए समग्र उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-AL) और ग्रामीण श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-RL) जनवरी महीने में क्रमशः 4 और 3 अंकों से घटकर 1,316 और 1,328 अंक पर पहुंच गए।

CPI-AL के लिए खाद्य सूचकांक दिसंबर में 1,262 अंक से घटकर जनवरी में 1,255 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह, CPI-RL के लिए खाद्य सूचकांक दिसंबर में 1,269 अंक से घटकर जनवरी में 1,261 अंक पर पहुंच गया। यह गिरावट कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए राहत का कारण बन सकती है, क्योंकि ये श्रेणियाँ आम तौर पर मूल्य वृद्धि से ज्यादा प्रभावित होती हैं।

जनवरी 2025 में CPI-AL और CPI-RL की वार्षिक महंगाई दर क्रमशः 4.61 प्रतिशत और 4.73 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि जनवरी 2024 में यह दर क्रमशः 7.52 प्रतिशत और 7.37 प्रतिशत थी। दिसंबर 2024 के आंकड़े के अनुसार, CPI-AL के लिए महंगाई दर 5.01 प्रतिशत और CPI-RL के लिए 5.05 प्रतिशत थी।

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