रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान मिशन से जुड़ी अहम जानकारी दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने आतंकवादियों को उनके घर में घुसकर मारा। सेना ने हमारी माताओं और सिंदूर का बदला लिया। रक्षा मंत्री ने कहा कि 7-8 मई 2025 की रात को आतंकवादी ठिकानों पर सफल हमले के बाद पाकिस्तान ने युद्ध जैसी स्थिति का उपयोग किया। रक्षा मंत्री ने चर्चा के बीच लड़ाई के दौरान फाइटर प्लेन के नुकसान को लेकर भी जवाब दिया।
राजनाथ सिंह ने कहा, “यह कहते हुए यह गौरव की अनुभूति है कि एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के हमले को पूरी तरह नाकाम कर दिया। हमारे किसी भी अहम एसेट्स को नुकसान नहीं हुआ है। हमारी सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि विपक्ष पूछता है कि हमारे कितने विमान गिरे, उन्होंने एकबार भी हमसे ये नहीं पूछा कि हमारी सेनाओं ने दुश्मन के कितने विमान मार गिराएं। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें प्रश्न पूछना ही है तो उनका प्रश्न ये होना चाहिए भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह किया तो हमारा उत्तर है हां। आपको प्रश्न पूछना है कि तो यह प्रश्न पूछिए ऑपरेशन में हमारे जांबाज सैनिकों को कोई क्षति नहीं हुई है।
राजनाथ सिंह ने कहा, “हमारी सरकार ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति को दुनिया के हर मंच पर एकदम स्पष्ट कर दिया है और हम उस पर कोई समझौता नहीं करेंगे। जब हमारे प्रधानमंत्री ब्रिक्स की बैठक में ब्राज़ील गए तो चीन की मौजूदगी में जो joint declaration आया उसमें जम्मू एवं कश्मीर में हुए आतंकी हमले की निंदा की गई। यानि भारत की बात मानी गई। यह ब्रिक्स सम्मेलन के इतिहास में पहली बार हुआ जब जम्मू एवं कश्मीर में हुई किसी आतंकी घटना की खुल कर निंदा की गई। मैं इस सदन को याद दिलाना चाहता हूँ कि साल 2008 में मुंबई में इतनी बड़ी आतंकी घटना हुई मगर उस समय की सरकार ने प्रभावी कारवाई करना तो दूर, कई वैश्विक मंचों पर उस घटना की निंदा तक नहीं हुई। आप उस घटना के बाद हुए ब्रिक्स सम्मेलन के दस्तावेज उठा कर देख लीजिये मुंबई आतंकी हमले का कहीं जिक्र भी नहीं है।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि आज अगर विपक्ष प्रश्न पूछने में असफल है तो मैं विपक्ष को मैं मदद करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि एक लंबा समय तक हमने विपक्ष का काम किया, एक लंबा समय हमने सरकारों से सवाल पूछने के लिए लगाया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि जनता ने जब हमें विपक्ष की भूमिका दी थी, तो हमनें उसे निभाया था। उन्होंने कहा कि 1962 में जब चीन के साथ युद्ध हुआ था, जब दुखद परिणाम आया तो हमने यह प्रश्न पूछा था कि हमारी देश की धरती पर दूसरे का कब्जा कैसे हुए।