सरदार वल्लभभाई पटेल की आज 150वीं जयंती है। आज गुजरात स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (31 अक्टूबर) को कहा कि सरदार पटेल अन्य रियासतों की तरह पूरे कश्मीर को भी भारत में मिलाना चाहते थे। लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ऐसा नहीं होने दिया। गुजरात के एकता नगर में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के पास राष्ट्रीय एकता दिवस परेड के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि घुसपैठ की घटनाएं भारत के जनसांख्यिकीय संतुलन को बिगाड़ रही थीं। इसके खिलाफ निर्णायक लड़ाई का फैसला किया गया है।
पीएम मोदी ने कहा, “सरदार पटेल का मानना था कि इतिहास लिखने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए बल्कि इतिहास बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। आजादी के बाद सरदार पटेल ने 550 से अधिक रियासतों का भारत संघ में विलय कराने का असंभव सा लगने वाला कार्य पूरा किया।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने जो नीतियां बनाईं, जो निर्णय लिए, उन्होंने नया इतिहास रच दिया। पीएम मोदी ने कहा कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत का विचार उनके लिए सर्वोपरि था। पीएम मोदी ने कहा कि कश्मीर और देश को इस मुद्दे से निपटने में पार्टी की गलतियों की भारी कीमत चुकानी पड़ी है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल अन्य रियासतों की तरह पूरे कश्मीर का एकीकरण करना चाहते थे। लेकिन नेहरू जी ने उनकी इच्छा पूरी नहीं होने दी। कश्मीर का विभाजन हुआ, उसे अलग संविधान और अलग झंडा दिया गया। कांग्रेस की इस गलती का खामियाजा देश को दशकों तक भुगतना पड़ा।

