प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को असम दौरे के दौरान राज्य को एक बड़ी विकास परियोजना की सौगात दी। पीएम मोदी ने डिब्रूगढ़ जिले में 10,601 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले नए उर्वरक संयंत्र की आधारशिला रखी। यह संयंत्र सालाना करीब 12 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उत्पादन की क्षमता वाला होगा। इस मौके पर आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज असम और पूरे पूर्वोत्तर के लिए ऐतिहासिक दिन है। नामरूप और डिब्रूगढ़ लंबे समय से जिस परियोजना का इंतजार कर रहे थे, वह सपना अब साकार हो रहा है।
पीएम मोदी ने बताया कि इस क्षेत्र में औद्योगिक प्रगति का एक नया अध्याय शुरू हो गया है। इससे पहले गुवाहाटी में एयरपोर्ट के एक नए टर्मिनल का उद्घाटन भी किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज असम विकास की नई रफ्तार पकड़ चुका है और यह सिर्फ शुरुआत है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस आधुनिक उर्वरक संयंत्र के लिए देशभर के किसानों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार में उद्योग और कनेक्टिविटी साथ-साथ आगे बढ़ रहे हैं, जिससे असम के सपनों को पंख मिल रहे हैं और युवाओं में नए अवसरों की उम्मीद जगी है।
पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में किसानों की भूमिका सबसे अहम है। इसी सोच के साथ सरकार किसानों के हितों को प्राथमिकता देकर लगातार काम कर रही है। उन्होंने बताया कि करीब 11 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह संयंत्र हर साल 12 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का उत्पादन करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस फैक्ट्री के शुरू होने से उर्वरकों की आपूर्ति और आसान होगी और लॉजिस्टिक लागत भी काफी कम होगी, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीतियों ने दशकों तक किसानों की स्थिति को बदतर बनाया, जबकि उनकी सरकार किसानों को सशक्त बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। पीएम ने कहा कि खाद कारखाने जैसे प्रोजेक्ट न केवल किसानों को सस्ती खाद उपलब्ध कराएंगे, बल्कि क्षेत्र में रोजगार और औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा देंगे। कांग्रेस शासन के दौरान असम ही नहीं, बल्कि देशभर में कई यूरिया फैक्ट्रियां बंद कर दी गई थीं। इसके चलते किसानों को खाद के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था और हालात संभालने के लिए कई बार पुलिस तक तैनात करनी पड़ती थी।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जहां कांग्रेस के दौर में खाद कारखाने बंद हुए, वहीं उनकी सरकार ने देश के अलग-अलग हिस्सों में नए उर्वरक संयंत्र लगाए हैं, ताकि किसानों को समय पर खाद मिल सके और उन्हें दोबारा ऐसी परेशानियों का सामना न करना पड़े।
