दिल्ली सरकार vs एलजी: दिल्ली की जनता चाहती है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार करे उनके लिए काम। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की कार्यशैली और एलजी के विवाद पर क्या कहा जनता ने, जानिए इस वीडियो में..Pradip Bhandari Akriti BhatiaPrins Bahadur Singh Anushree M Rastogi Rahul Kumar Md Tahseen Raza#JanKiBaat #PradipBhandari #JanChaupal #KejriwalvsLG #ArvindKejriwal #AAP #Delhi #BJP
Posted by Jan ki Baat on Thursday, July 5, 2018
लोकतंत्र के चार स्तंभ होते है- विधायिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका, पत्रकारिता लेकिन इन चारों स्तंभ में से अगर एक भी ज़रा डगमगाता है तो इसका परिणाम जनता को भुगतना पड़ता है और यही हो रहा है आजकल दिल्ली की जनता के साथ। 7 फरवरी 2015 को दिल्ली की जनता ने 70 विधानसभाओं में से 67 विधानसभा में जीत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री के अरविंद केजरीवाल की केंद्र सरकार के साथ नोकझोक तो पुरानी है। आम रास्तों से हटकर राजनीति करने वाले अरविंद केजरीवाल की तू-तू मैं-मैं इस बारी कार्यपालिका से भी हो गई है। दरअसल, मसला ये है कि भारत के किसी भी आम प्रदेश में जो नौकरशाह यानि कि हमारे आएएस या आईपीएम अपने प्रदेश मुख्यमंत्री या उनके मंत्रियों को रिर्पोट करते है। यही दिल्ली में भी हुआ करता था 2015 तक लेकिन मई 2015 के बाद से ऐसा नही होता है।
मई 2015 में केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को एक नोटिस भेजा जिसमें ये लिखा गया था कि दिल्ली के सभी आईएएस ऑफिर्सस अब के दिल्ली के मुख्यमंत्री को रिर्पोट नही करेंगे ये सभी अब से दिल्ली के उपराज्यपाल को रिर्पोट करेंगे। इस नोटिस में ये भी कहा गया था कि दिल्ली का सर्विसस डिर्पाटमेंट (सर्विसस डिर्पाटमेंट के पास पॉवर होती है आईएएस के तबादले और उनके पूरे कंट्रोल कि), एंटी-करप्शन ब्यौरो का कंट्रोल भी उपराज्यपाल के हाथों में दे दिया गया। जिसके बाद से ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने काफी आवाज़ उठाई और इस पूरी चीज़ को कोर्ट तक भी लेकर गए। आपको बता दें कि इस पूरे मामले की तबियत तब बिगड़ी जब दिल्ली के मुख्य संचिव अंशु प्रकाश पर फरवरी 2018 में आम आदमी पार्टी के विधायकों द्वारा मारपीट करने के आरोप लगे। जिसके बाद दिल्ली कि आईएएस एसोसिएशन दिल्ली सरकार से काफी नाराज़ है और एक प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान आईएएस एसोसिएशन ने कहा भी कि अब उन्हे दिल्ली सरकार के साथ काम करने में डर लगता है और वह सहज नही है। तो वहीं दिल्ली सरकार का कहना है कि फरवरी 2018 के बाद से आईएएस ऑंफिर्सस ठीक तरह से काम नही कर रहे हैं और अनआफिशियल स्ट्राईक पर हैं लेकिन आईएएस एसोसिएशन और उनके आफिर्सस इस बात को पूरी तरह से नकारते है।
अंत में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके तीन मंत्रियों ने उपराज्यपाल के ऑफिस में बैठ कर धरना देना शुरू किया। धरना खत्म करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल के आगे तीन मांगे रखी- अनआफिशियल स्ट्राईक को खत्म किया जाए, काम ना करने वाले आईएएस आफिर्सस पर कार्रवाई कि जाए और इसी के राशन कि डोर स्टेप डिलीवरी कराई जाए।
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच चल रही इस नोकझोक के बारे में दिल्ली की जनता की क्या राय है इस पर चर्चा कि जन की बात ने। जन की बात ने दिल्ली का दिल कहे जाने वाले क्नॉट पैलेस में जन चौपाल कि और जाना कि क्या लगता है उन्हें, कौन है इस सब का जिम्मेदार और किसकी कामचोरी की सज़ा उन्हे मिल रही है।
जन चौपाल में मौजूद जहॉं 50 प्रतिशत लोगो को लगा कि अरविंद केजरीवाल को केंद्र सरकार जान-बूझकर काम नही करने दे रही है तो वही आधी जनता को लगता है कि केजरीवाल सरकार ने कुछ काम ही नही किया है और आने वाले चुनावों में उन्हे जनता का सामना करना है इसलिए अभी से अपने काम ना करने की वजह केंद्र सरकार और उपराज्यपाल के मत्थे मढ़ रहे है। देखिए जन की बात की जन चौपाल और जानिए खुद कि दिल्ली की आम जनता को क्या लगता है क्यों नही हो पा रहा है?, दिल्ली में काम आखिर किसकी गलती है?