दीपांशु, जन की बात
छत्तीसगढ़ के आदिवासी परिवारों के बीच राशन वितरण करते हुए गरीबों के साथ जन की बात की टीम खड़ी है। हर संभव प्रयास करते हुए जनता के साथ इस मुश्किल वक्त में जन की बात की टीम जनता के साथ लगातार खड़ी हुई है। देश के अलग अलग राज्यों में जाकर हर तरीके से हर संभव मदद में जुटी हुई है। जन की बात की टीम के द्वारा अब और राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ राज्य के आदिवासी परिवारों के बीच भी मदद करने का सिलसिला जारी है। राज्य के कोरिया जिले के कोड़ा ग्राम जहां पर उस ग्राम में रहने वाली अधिकतर आबादी आदिवासी परिवारों की है। इन परिवारों के अधिकतर लोगों के आजीविका का साधन या तो खेती है या फिर मजदूरी कर दिन भर में मिलने वाली दिहाड़ी से इनका घर चला करता है। इस दौरान देश में इस कोरोना महामारी संकट के समय भी आर्थिक स्तिथि में बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। वहीं यहां के अधिकतर परिवारों के राशन खत्म हो चुके थे जिसकी सूचना मिलते ही जन की बात की टीम के द्वारा तुरंत उस स्थान में व्यवस्था कराकर क्षेत्र में आदिवासी परिवारों के बीच जाकर उन्हें तुरंत राशन मुहैया कराया। ताकि इस मुश्किल वक्त में उन्हें किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े। वहीं प्रतिदिन जन की बात के फाउंडर प्रदीप भंडारी जी के द्वारा बनाए गए पिपुल वेलफेयर फंड द्वारा अलग अलग क्षेत्रों में जाकर लोगों की समस्याओं के समाधान भी किए जा रहे है।