दीपांशु सिंह, जन की बात
छत्तीसगढ़ राज्य कोआकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो पूरे प्रदेश में लगभग 17000 के आसपास सरकारी क्वारांटाइन सेंटर खोले है। इसके साथ कोरोना से कुल अब तक संक्रमित लोगो की संख्या 1650 के पार हो चुकी है और वहीं 6 लोगो मौत भी हो चुकी है ।
वहीं अगर देखा जाए तो छत्तीसगढ़ राज्य की पूरी आबादी का लगभग मात्र 4-5% ही लोग जो बाहर राज्य में जाकर प्रवास करते है। यहां की अधिकतर जनता किसानी और मजदूरी दिहाड़ी पर आश्रित होते है। जब बीते लॉकडाउन में रियायत मिलने लगी है तो राज्य में प्रवासी मजदूर जो दूसरे राज्य से अपने घर की ओर वापसी कर रहे है। इसके साथ ही बाहर से आए सभी प्रवासी मजदूरों को 14 दिनों के लिए अपने गांव कस्बों मे क्वारांटाइन किया गया। अगर एक बार क्वारांटाइन सेंटरा की स्थिति को देखा जाए तो राज्य में अधिकतर क्वरांटाइन सेंटर की स्तिथि बेहाल है। ना ही रहने के लिए कोई उचित कमरा और ना ही खाने पीने कोई व्यवस्था है । आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो बीते दिन राज्य के क्वरांटाइन सेंटर में रह रहे लोगों में अधिकतर मृत्यु होने की संख्या या तो आत्महत्या के मामले या तो फिर सर्प के डसने से मृत्यु के मामले सामने निकल कर आ रहे है। बीते कुछ दिनों पहले कई ऐसे मामले राज्य के अलग अलग क्षेत्र से निकल कर आए –
मुंगेली जिले के क्वरांटाइन सेंटर में एक मजदूर की मौत हो गई थी। वहीं बलरामपुर स्थित क्वरांटाइन सेंटर में एक शिक्षक की मौत हो गई थी। शिक्षक की ड्यूटी सेंटर में लगी हुई थी। ऐसे कई और मामले भी है जो क्वारांटाइन सेंटर से ही जुड़े हुए है।
राज्य में अस्पतालों में मृत्यु दर कम लेकिन क्वरांटाइन सेंटर में ज्यादा पहुंच चुकी है ।
साथ ही कई ऐसे मामले भी क्वारांटाइन से जुड़े हुए है जो बाहर नहीं आ पाते है ।
राज्य की स्तिथि देखी जाए तो राज्य में टेस्टिंग करने की क्षमता भी काफी कम है । वहीं राज्य के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के द्वारा 10 दिनों तक सैंपल लेने के लिए भी मना कर दिया गया है । इन सभी कारणों के बीच आम जनमानस भी काफी परेशान है क्युकी राज्य में कई ऐसे लोग है जिनका 14 दिन का पीरियड पूरा तो हो चुका है लेकिन अब तक उनकी रिपोर्ट भी नहीं आ पाई है ।
वहीं राज्य की सारी सीमाओं को सील कर दिया गया है जिससे कई प्रवासी भाईयो को उस बॉर्डर में खड़े होकर काफी मशक्कत करने के बाद बॉर्डर के अन्दर प्रवेश दिया जाता है ।
लगभग राज्य में 25000 से ज्यादा भी प्रवासी लौट चुके है । जिनके रोजगार को लेकर मुद्दा भी गरमाता जा रहा है । लेकिन अब तक राज्य की सरकार द्वारा किए गए कोशिश को जमीन स्तर पर देखने पर सरकार पूरी तरह ना कामयाब दिख रही है ।