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बिहार में 14 दिन नहीं 4 दिन का चल रहा है क्वारंटाइन। पढ़िए जन की बात के फाउंडर प्रदीप भंडारी की ग्राउंड रिपोर्ट

जन के बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी ने कोरोना काल में लोगों की समस्या देश के सामने रखने के लिए जन की बात करने देश के 11 राज्यों में 20,000 किलोमीटर से अधिक का सफर तय किया। प्रदीप भंडारी ने देश के बड़े राज्यों पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान आदि का दौरा किया। कोरोना के दौरान लोगों की बात रखने के लिए शुरू किए इस सफर के आखिरी पड़ाव में प्रदीप भंडारी पहुंचे बिहार, जहां से बड़ी संख्या में लोग देश के अन्य राज्यों से वापिस बिहार लौट रहे थे। जन की बात की टीम पहुंची बिहार के औरंगाबाद जिले के दाऊदनगर तहसील के तरारी गांव में जहां लोगों से बात की और जाना कि आखिर क्या है तरारी गांव के हालात?

क्या है लॉकडाउन की स्थिति?

प्रदीप भंडारी ने जब गांव के लोगों से लॉकडाउन की स्थिति के बारे में पूछा, लोगों ने बताया कि यहां लोगों और प्रशासन की कमी के कारण लॉकडाउन का सही से पालन नहीं हो रहा है। राज्य सरकार ने हर प्रखंड स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था की है। लेकिन गांव के मुखिया के ध्यान न देने के कारण, बाहर से आए लोग 14 दिन की जगह 4 दिन में ही क्वारंटाइन सेंटर से भाग जाते है। गांव के लोगों के अनुसार बाहर से आए कुछ लोगो को अभी तक क्वारंटाइन नहीं किया गया है।

सरकारी सुविधाओं का क्या है हाल

ग्रामीणों ने बताया कि सरकार की तरफ से लोगों को राशन उपलब्ध काराया है। गांव में बहुत सी महिलाओं के खाते में ₹500 भी सरकार की तरफ से आए है। जब प्रदीप भंडारी ने कोरोना पर प्रधानमंत्री के कार्य के बारे में पूछा तो लोगों प्रधानमंत्री को 10 में से 10 नंबर दिए।

प्रदीप एनालिसिस

कोरोना से लड़ाई की कमान अब केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को से दी ताकि छोटे से छोटे स्तर उचित प्रबंध हो सके। राज्य सरकारों को क्वारंटाइन सेंटर की सुविधाएं और बेहतर करनी होगी। जिससे लोग जल्दी क्वारंटाइन सेंटर छोड़कर ना जाए।

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