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क्या बीजेपी 2023 में त्रिपुरा की खोवाई विधानसभा क्षेत्र जीत सकती है जो CPI(M) का गढ़ रहा है?- पढ़िए प्रदीप भंडारी का विश्लेषण

जन की बात के फाउंडर प्रदीप भंडारी त्रिपुरा में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जन की बात की टीम के साथ ग्राउंड पर चुनावी सर्वे कर रहे हैं।

60 विधानसभा सीटों वाले त्रिपुरा में इस समय भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, जहा 16 फरवरी को मतदान होना है। भाजपा ने पिछले चुनाव में सीपीएम को सत्ता से बाहर करते हुए ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। पिछले चुनाव में भाजपा को 33 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि सीपीएम के खाते में 15 और आईपीएफटी के हिस्से में 4 सीटें आईं। बहुमत हासिल करने के बाद भाजपा ने बिप्लब देब को त्रिपुरा का मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन उनके प्रदर्शन से असंतुष्ट होकर पार्टी को उनकी जगह डॉक्टर माणिक साहा को नया सीएम बनाना पड़ा।

भारत-बांग्लादेश सीमा के पास खोवाई जिले से प्रदीप भंडारी ने इस विधानसभा सीट का इतिहास बताया, और बताया कि कैसे यह सीट भारतीय जनता पार्टी और CPI(M) के लिए महत्वपूर्ण है।

खोवाई विधानसभा को CPI(M) का गढ़ माना जाता है , 1993 में कांग्रेस ने यहां से जीत दर्ज कराई थी, उसके बाद से लगातार यहां CPI(M) की सरकार है, 2018 में CPI(M) से निर्मल बिस्वा ने भारतीय जनता पार्टी के अमित रक्षित को 2736 वोटों के मार्जिन से हराया था।

इस बार भारतीय जनता पार्टी ने खोवाई विधानसभा में स्थानीय उम्मीदवार को टिकट दी है पिछली बार यहां से भारतीय जनता पार्टी ने अगरतला से अमित रक्षित को टिकट दिया था।

खोवाई विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी ने पानी पहुंचाया है और सड़के बनाई है तो क्या इस बार भाजपा द्वारा किया गया विकास CPI(M) के गढ़ में टक्कर देगा, यह देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा।

CPI(M) अगर इस बार चुनावी सर्वेक्षण पलटना चाहती है तो उसे खोवाई जिले मैं अपनी जीत बरकरार रखनी पड़ेगी।

 

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