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क्या अडानी मामले में LIC का हव्वा बनाकर आम जनता को डराने की कोशिश की जा रही है – प्रदीप भंडारी की दलील

शुक्रवार को अपने शो जनता का मुकदमा पर शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने गौतम अडानी को लेकर आज का मुकदमा किया।

प्रदीप भंडारी ने कहा कि दोस्तों मैं आपके सामने आज कुछ तथ्य रखना चाहता हूं, एलआईसी की सलाना आय कुल आय 7.5 लाख करोड़ है। अडानी में एलआईसी का इन्वेस्टमेंट सिर्फ 32 हजार करोड़ है जो 1% भी नहीं है और इसमें भी एलआईसी को मुनाफा है, फिर इंडिया के आम लोगों का पैसा एलआईसी में कैसे खतरे में है?

एसबीआई की इस तिमाही का मुनाफा 14,205 करोड़ है जो पिछली तिमाही से 68% ज्यादा है। एसबीआई का पूरा प्रॉफिट लगभग 40 हजार करोड है। एसबीआई की बैलेंस शीट 55 लाख करोड़ है , कुल उधारी 25 लाख करोड़। एसबीआई अडानी को सिर्फ 27,000 करोड़ रुपये उधार दे रहा है। फिर मुनाफा कमाने वाली एसबीआई कैसे डूब रही है?

पूरे इंडियन बैंकिंग सिस्टम में उधारी 130 लाख करोड़ है जो अडानी का इसका 2% भी नहीं है फिर इंडिया के बैंक कैसे खतरे में?

अडानी ने अपने हर कर्ज को चुकाया है, उसकी हर कंपनी में पैसा है अडानी के पास ठोस व्यवसाय है, एयरपोर्ट, पोर्ट्स है जो हिंदुस्तान से लेकर यूएई तक है। विपक्ष शासित राज्य में भी अडानी के कॉन्ट्रेक्ट है। फिर अडानी कि इस मामले में क्या गलती है?

अडानी की हर कंपनी में लगभग लगभग 70% अडानी की ओनरशिप है मतलब अगर स्टॉक प्राइस नीचे भी हो जाए तो नुकसान अधिकतर अडानी को होगा और बाकी 30% में अधिकतर बड़े इन्वेस्टर्स को अडानी का अधिकतर पैसा इंडियन बैंक से नहीं बाहर से बढ़ता है‌। बाहर की स्ट्रिक्ट ग्लोबल रेगुलेटरी गाइडलाइंस में बड़ा है, तो फिर अडानी कैसे गलत?

और अडानी की कंपनी 50 हजार टॉप कंपनियों में से एक है तो फिर पूरा स्टॉक मार्केट कैसे कंपनी के स्टॉक प्राइस इधर-उधर होने से खतरे में है?

तो फिर अगर भारत के मध्यमवर्ग का पैसा खतरे में नहीं है, बैंकों का पैसा खतरे में नहीं है , संपत्ति है, मुनाफा है, पैसा है, तो सिर्फ स्टॉक का प्राइस नीचे आने से क्या दिक्कत है।

दोस्तों खतरे में है वह पूरी लॉबी जो धनवान लोगों से नफरत करती है, जो नहीं चाहती देश के लोग विश्व स्तर पर पश्चिम के लोगों को चुनौती दे,वह दूसरा चाइना चाहते हैं। और आज मेरे देश के नेताओं से भी सवाल है कि क्यों एक पश्चिम देश की रिपोर्ट को इतना बढ़ावा दिया जा रहा है क्या कोई लोग हिंदुस्तान के अंदर हिंडनबर्ग से मिलकर मुनाफा कमाना चाहते हैं। और वैसे, महुआ मोइत्रा क्या आपने ममता दीदी से पूछा कि 25000 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट दीया है? क्या कांग्रेस के नेताओं ने अशोक गहलोत से पूछा? और अडानी को जमीन सबसे पहले तो जब कांग्रेस के जहां मैन भाई पटेल जब सीएम थे तब मिली अडानी की ग्रोथ तो राजीव गांधी के समय से शुरू हुई। या लेफ्ट के लोगो ने पिनाराई विजयन को खत लिखा।

कौन चाहता है हमारे देश में हमारी जनता के बीच में डर का माहौल हो जब हम सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं। SEBI को जो जांच करनी है करें, एफएम ने भी अपना बयान दे दिया है। लेकिन कौन देश में डर का माहौल पैदा करके देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाना चाहता है।

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