सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस में पुलिस ने सोमवार को सुशांत सिंह राजपूत के साइकैटरिस्ट डॉ प्रवीण दराइच से पांच घंटे लंबी पुछताछ की, जिसमें साइकैटरिस्ट ने कहा सुशांत सिंह राजपूत अपना ट्रीटमेंट बीच में ही छोड़ देते थे। और दवाई की डोज भी पूरा नहीं लेते थे। साइकेट्रिस्ट ने बताया कि सुशांत सिंह राजपूत सबसे पहले उनके पास 2018 में आए थे। जब सुशांत उनकी काउंसलिंग से संतुष्ट नहीं हुए तो उनसे बहस करने लगे थे और उन्होंने अपने ट्रीटमेंट को बीच में ही छोड़ दिया। इसके साथ ही पुलिस ने डॉ प्रवीण दराइज का स्टेटमेंट रिकॉर्ड भी किया।
इसके पहले पुलिस डॉ प्रवीण दराइज और दो अन्य साइकेट्रिस्ट और एक साइकोथैरेपिस्ट पूछताछ कर चुकी है। डॉक्टर्स के मुताबिक सुशांत बाइपोलर डिसऑर्डर के शिकार थे।
क्या होता है बाइपोलर डिसऑर्डर?
बाइपोलर डिसऑर्डर एक मानसिक बीमारी है,जिसमें इंसान के व्यवहार में तेजी से बदलाव आने लगता है। इस बीमारी से ग्रसित इंसान अपने आसपास के लोगों पर विश्वास करना बंद कर देता है। और डॉक्टर्स के मुताबिक सुशांत के मामले में भी ऐसा ही था। डॉक्टर्स ने पुलिस को बताया कि सुशांत किसी भी डॉक्टर से दो से तीन बार मिलते थे। फिर उसके बाद डॉक्टर बदल देते थे।
इससे पहले पुलिस फिल्म आलोचक राजीव मसंद से भी पूछताछ कर चुकी है। यह पूछताछ 2017 से 19 के बीच लिखे गए उनके ब्लाइंड आर्टिकल्स के बारे में थी। जिसमें उन्होंने बिना नाम लिए सुशांत की तरफ इशारा किया था। उनके द्वारा लिखे गए एक आर्टिकल में सुशांत को ‘ओवर प्राइस आउटसाइडर’ बताया था।
पुलिस 40 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है
सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस में पुलिस अभी तक 40 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है। जिसमें फिल्म आलोचक राजीव मसंद, यशराज फिल्म के मालिक आदित्य चोपड़ा, फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली, सुशांत का घरेलू स्टाफ के साथ-साथ उनके मैनेजर, एक्स मैनेजर, को स्टार आदि के साथ पूछताछ हो चुकी है।