अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर में भूमि के नीचे 200 फीट की गहराई पर एक टाइम कैप्सूल डाला जाएगा। इसके पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि, 500 साल तक चली राम मंदिर की क़ानूनी लड़ाई व इस दौरान होने वाली गतिविधियों से जुड़े सभी दस्तावेज तथा सबूतों को टाइम कैप्सूल में रख कर भूमि में 200 फ़ीट की गहराई में रखा जाएगा,ताकि भविष्य में कभी भी मंदिर को लेकर कोई विवाद का जन्म न हो..
पहली बार नहीं डाला जा रहा है टाइम कैप्सूल
यह पहला मामला नहीं है भारत के इतिहास में ऐसा पहले भी हो चुका है। भारत की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने 15 अगस्त, 1973 को लालकिले के पास एक टाइम कैप्सूल जमीन में दबाया था। हालांकि यह पता नहीं चल सका है कि उसमें क्या साक्ष्य थे और क्या जानकारियां थीं।
क्या होता है टाइम कैप्सूल?
टाइम कैप्सूल एक कंटेनर की तरह होता है जिसे विशिष्ट सामग्री से बनाया जाता है। टाइम कैप्सूल हर तरह के मौसम का सामना करने में सक्षम होता है, उसे जमीन के अंदर काफी गहराई में दफनाया जाता है। काफी गहराई में होने के बावजूद भी हजारों साल तक न तो उसको कोई नुकसान पहुंचता है और न ही वह सड़ता-गलता है।