कोरोना वायरस से बचने के लिए पूरे विश्व में वैक्सीन बनाए जाने की कवायद जोरों पर है। हर देश कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर काफी चिंतित दिखाई दे रहा है। भारत के साथ साथ अन्य कई देशों में लगातार वैक्सीन को लेकर ह्यूमन ट्रायल भी शुरू हो गया है।
वही रूस ने तो वैक्सीन को बनाने का भी दावा भी कर लिया है। रूस जल्द विश्व को कोरोना वैक्सीन देने की बात बभी कर रहा है। भारत भी एक साथ ३ ३ वैक्सीन पर ट्रायल कर रहा है।
*वही इसी बीच कोरोना वैक्सीन के मूल्य को लेकर भी एक बहस शुरू हो गई है*
इसी बीच अब कोरोना के इलाज में कारगर साबित हुई ड्रग फेविपिराविर को कई कंपनियां अलग-अलग नामों से लॉन्च कर चुकी है। कंपनियों में MSN ग्रुप के अलावा सिप्ला, हेटेरो, ग्लेनमार्क, जेनवर्क्ट फार्मा आदि शामिल हैं। अबतक यह दवा 33 रुपये से लेकर 75 रुपये प्रति टैबलेट की कीमत में उपलब्ध है।
लेकिन अब हैदराबाद की ली-फार्मा कंपनी एंटी वायरल ड्रग फेपिराविर को फाराविर के नाम से लॉन्च करेगी। यह 200 एमजी की टैबलेट में उपलब्ध होगी, जिसकी कीमत महज 27 रुपये प्रति टैबलेट होगी। यह अबतक की सबसे सस्ती फेविपिराविर ड्रग होगी।
आपको बता दें कि, फेविपिराविर ड्रग कोरोना के हल्के और मध्यम लक्षण वाले मरीजों के इलाज में मददगार साबित हुई है। ली-फार्मा के डायरेक्टर रघु मित्रा एल्ला के मुताबिक, इस दवा के उत्पादन के लिए कंपनी को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया(DGCI) की ओर से अप्रूवल मिल गया है।
कंपनी का कहना है कि जल्द ही फेविपिराविर की 400 एमजी टेबलेट भी लॉन्च की जाएगी, ताकि कोरोना मरीजों के लिए डोज में टैबलेट की संख्या कम की जा सके।